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Tue, Dec 16, 2025

फिल्म डायरेक्टर विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी की रिमांड अवधि ख़त्म, मामला सिविल या क्रिमिनल, निगाहें हाई कोर्ट के फैसले पर

Written by:Atul Saxena
फिल्म डायरेक्टर विक्रम भट्ट, उनकी पत्नी श्वेतांबरी, बेटी कृष्णा भट्ट सहित 8 लोगों पर उदयपुर के डॉ अजय अजय मुर्डिया की शिकायत पर उनकी दिवंगत पत्नी इंदिरा पर बायोपिक और अन्य फिल्में बनाने के नाम पर 30 करोड़ से ज्यादा की ठगी का मामला दर्ज किया गया है। 
फिल्म डायरेक्टर विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी की रिमांड अवधि ख़त्म, मामला सिविल या क्रिमिनल, निगाहें हाई कोर्ट के फैसले पर

Film director Vikram Bhatt

फिल्म निर्देशक विक्रम भट्ट की मुश्किलें फिलहाल कम होती नहीं दिख रही हैं, विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी श्वेताम्बरी भट्ट की रिमांड अवधि आज 16 दिसंबर को खत्म हो रही है अब उदयपुर पुलिस दोनों को फिर अदालत में पेश करेगी, बता दें 30 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में उदयपुर पुलिस ने विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी को गिरफ्तार किया था, सीजेएम कोर्ट ने दोनों को 9 दिसंबर को 7 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा था। इधर राजस्थान हाई कोर्ट की जोधपुर बेंच ने इस मामले में सोमवार को हुई सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है।

मामला उदयपुर के डॉक्टर अजय मुर्डिया से जुड़ा है, डॉ मुर्डिया इंदिरा आईवीएफ ग्रुप के फाउंडर हैं, उन्होंने 17 नवंबर को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, डॉ मुर्डिया ने आरोप लगाया था कि विक्रम भट्ट और उनके साथियों ने उनकी दिवंगत पत्नी इंदिरा की बायोपिक और अन्य फ़िल्में बनाने के नाम पर 30 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की है, पुलिस ने डॉ मुर्डिया की शिकायत पर फिल्म निर्देशक विक्रम भट्ट, उनकी पत्नी श्वेताम्बरी भट्ट, बेटी कृष्णा भट्ट सहित कुल 8 लोगों को इस मामले में आरोपी बनाया है।

फ़िल्में बनाने एक नाम पर करोड़ों का धोखा देने का आरोप 

डॉ मुर्डिया ने अपनी शिकायत में बताया कि पिछले साल अप्रैल 2024 में उदयपुर में रहने वाले दिनेश कटारिया ने उन्हें मुंबई में विक्रम भट्ट से मिलवाया था दोनों के बीच फिल्मों को लेकर बातचीत हुई और सहमति बनी, शुरू में 40 करोड़ का कांट्रेक्ट हुआ फिर कुल 47 करोड़ रुपये में 4 फिल्में बनाने का वादा कर विक्रम भट्ट और उसके सहयोगियों ने 100-200 के मुनाफे की बात कही, तय हो जाने के बाद 30 करोड़ रुपये भट्ट दम्पति के एकाउंट में ट्रांसफर हुए लेकिन कोई फिम नहीं बनी।

7 दिसंबर को उदयपुर पुलिस ने मुंबई से किया गिरफ्तार         

शिकायत के बाद पुलिस एक्टिव हुई, मुंबई में कई जगह छापे मारे और फिर 7 दिसंबर को विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी को पुलिस में गिरफ्तार कर लिया, पुलिस अगले दिन ट्रांजिट रिमांड लेकर 8 दिसंबर को उदयपुर लेकर आई और अगले दिन 9 दिसंबर को सीजेएम कोर्ट में पेश किया, कोर्ट एन 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया, जिसकी अवधि आज ख़त्म हो रही है, अब पुलिस एक बार फिर दोनों को कोर्ट में पेश करेगी।

विक्रम भट्ट के वकीलों का दावा कांट्रेक्ट पूरा हुआ है

उधर विक्रम भट्ट की तरफ से पुलिस कार्रर्वाई के खिलाफ जोधपुर हाई कोर्ट में याचिका लगाई गई है जिसपर सोमवार 15 दिसंबर को जस्टिस समीर जैन की एकल पीठ में सुनवाई हुई, विक्रम भट्ट के वकीलों ने कोर्ट में दलील दी है कि ये मामला सिविल का है पुलिस इसे जबरन क्रिमिनल बना रही है, विक्रम भट्ट के वकीलों ने दावा किया कि जो कांट्रेक्ट था वो पूरा हुआ है कुछ फ़िल्में रिलीज भी हो चुकी हैं, पुलिस ने जल्दबाजी में गिरफ़्तारी की है।

पुलिस पर सिविल केस को क्रिमिनल बनाने का आरोप  

विक्रम भट्ट के वकीलों ने कहा ये पूरा विवाद सिविल का है लेकिन पुलिस इसे आपराधिक रंग दे रही है उन्होंने निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई जांच की मांग की, वहीं पुलिस और सरकार की तरफ से पेश वकीलों ने कोर्ट को बताया कि मामला क्रिमिनल नेचर का है, ये गंभीर आर्थिक अपराध है उनके पास आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं जिसके आधार पर ही गिरफ़्तारी की गई है।

जोधपुर हाई कोर्ट के फैसले पर निगाहें 

विक्रम भट्ट पक्ष के वकीलों ने दलील सुनने के बाद कोर्ट ने पुलिस कार्रवाई पर नाराजी जताई ,आईजी गौरव श्रीवास्तव और एसपी उदयपुर योगेश गोयल सुनवाई में वर्चुअल रूप से शामिल हुए करीब डेढ़ घंटे बहस चली फिर दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया , अब इस मामले में आज फिर सुनवाई होगी और फिर कोर्ट तय करेगा कि मामला सिविल है या क्रिमिनल जिसके बाद इस केस की दिशा तय होगी, सबकी निगाहें अब जोधपुर हाईकोर्ट के फैसले पर टिकी हैं।