राजस्थान के झालावाड़ जिले में पिपलोदी सरकारी स्कूल की इमारत गिरने की घटना ने पूरे राज्य को हिला दिया है। इस हादसे में सात बच्चों की मौत हो गई और 25 से अधिक घायल हो गए। मीडिया रिपोर्टों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने शनिवार (26 जुलाई) को राज्य सरकार और झालावाड़ के पुलिस अधीक्षक को नोटिस भेजा है।
मुख्य सचिव और एसपी को नोटिस
आयोग ने कहा कि यदि मीडिया रिपोर्ट सही है, तो यह मानवाधिकार उल्लंघन का गंभीर मामला है। एनएचआरसी ने राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव और झालावाड़ के एसपी को दो हफ्ते में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। इस रिपोर्ट में दुर्घटना के कारणों, प्रशासन की भूमिका और राहत कार्यों की पूरी जानकारी देने को कहा गया है।
मुआवजे और इलाज का विवरण
मानवाधिकार आयोग ने अपनी नोटिस में स्पष्ट किया है कि रिपोर्ट में घायल बच्चों की मौजूदा स्वास्थ्य स्थिति और मृतकों के परिजनों को दिए गए मुआवजे का विवरण भी शामिल होना चाहिए। इस हादसे में गंभीर रूप से घायल छात्रों का इलाज जारी है और प्रशासन ने उनके स्वास्थ्य पर नजर रखने की बात कही है।
पहले से चेतावनी के बावजूद लापरवाही
घटना की गंभीरता इस बात से और बढ़ गई है कि स्थानीय लोगों ने पहले ही अधिकारियों को स्कूल भवन की जर्जर हालत के बारे में सूचित किया था, लेकिन समय रहते कोई कदम नहीं उठाया गया। शुक्रवार (25 जुलाई) की सुबह प्रार्थना सभा से पहले इमारत का हिस्सा ढहने से यह बड़ा हादसा हुआ। अब सरकार और प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठ रहे हैं और यह घटना राजनीतिक विवाद का भी विषय बन गई है।





