Tue, Dec 30, 2025

Mahavir Jayanti 2024: महावीर जयंती आज, देश भर में धूमधाम से मनाया जाएगा उत्सव, भारत मंडपम में आयोजित समारोह में शामिल होंगे पीएम मोदी

Written by:Rishabh Namdev
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Mahavir Jayanti 2024: महावीर जयंती (Mahavir Jayanti 2024) जैन धर्म के बड़े त्योहारों में से एक हैं। आज देश भर में महावीर जयंती की तिथि के अवसर पर उत्सव मनाया जा रहा हैं।
Mahavir Jayanti 2024: महावीर जयंती आज, देश भर में धूमधाम से मनाया जाएगा उत्सव, भारत मंडपम में आयोजित समारोह में शामिल होंगे पीएम मोदी

Mahavir Jayanti 2024: देश भर में आज महावीर जयंती का उत्सव धूम धाम से मनाया जा रहा हैं। दरअसल आज जैन धर्म के 24वें और अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर के जन्म दिवस को मनाया जा रहा हैं। वहीं इस विशेष दिन पर दिल्ली के भारत मंडपम में एक विशेष कार्यक्रम होने वाला हैं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी सहित कई नेता सुबह 10 बजे कार्यक्रम में शामिल होंगे।

2622वीं बार मनाया जा रहा जन्मदिवस:

दरअसल आज के इस त्योहार का महत्व जैन धर्म में बहुत ही खास होता है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, महावीर जयंती चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को यह उत्सव मनाया जाता है। दरअसल भगवान महावीर का यह जन्मदिवस का त्योहार 2622वीं बार मनाया जा रहा है। चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी की शुरुआत 20 अप्रैल को रात 10ः41 पर हुई थी और समाप्ति 22 अप्रैल को दोपहर 1ः11 पर होगी। जिसके चलते इस पूरे उदया में, महावीर जयंती का उत्सव आज मनाया जाएगा।

जिनालयों से शोभायात्राएं निकाली जाएंगी:

जानकारी के अनुसार 21 अप्रैल को भगवान महावीर की जयंती के अवसर पर राजधानी भोपाल में 9 जिनालयों से शोभायात्राएं निकाली जाएंगी। इस मौके पर दिगंबर और श्वेतांबर समुदायों के जिनालयों में भगवान महावीर का महामस्तकाभिषेक किया जाएगा। मुख्य आयोजन पुराने शहर के दिगंबर जैन मंदिर चौक में होगा, जहां तीन दिनों तक जयंती महोत्सव मनाया जाएगा।

इसके दौरान, रविवार को मंदिर में पूजा-अभिषेक और शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। 21 को, बड़ी शोभायात्रा निकाली जाएगी, जिसमें पालकी में श्रीजी विराजमान होंगे। इसमें भगवान के दो रथ और एक विमान भी शामिल होंगे।

जानिए क्या हैं महावीर जयंती का महत्व?

दरअसल जैन धर्म में महावीर जयंती का अत्यधिक महत्व है। आज के इस उत्सव के दिन जैन समुदाय के लोग विशेष धूमधाम और उत्साह के साथ इसे मनाते हैं। इस महोत्सव के अवसर पर, वे धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं और भगवान महावीर की पूजा-अर्चना कर उन्हें प्रशन्न करते हैं। दरअसल महावीर जी ने अपने जीवन में ज्ञान की प्राप्ति के लिए कठोर तपस्या की थी। उनके अद्वितीय तप के परिणामस्वरूप, वे वर्धमान से महावीर कहलाए गए थे।