मकर संक्रांति हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो सूर्य के उत्तरायण होने का प्रतीक माना जाता है। यह त्योहार देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। उत्तर भारत में इसे मकर संक्रांति, खिचड़ी या माघी कहा जाता है, जबकि दक्षिण भारत में इसे पोंगल या उत्तरायण पर्व के रूप में जाना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इसी दिन सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं, इसलिए इसे मकर संक्रांति कहा जाता है।
अक्सर लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि मकर संक्रांति 14 जनवरी को होती है या 15 जनवरी को। दरअसल, यह पर्व तिथि पर नहीं बल्कि सूर्य की चाल पर आधारित होता है, इसी वजह से कई सालों में तारीख को लेकर भ्रम की स्थिति बन जाती है। लेकिन साल 2026 को लेकर पंचांग पूरी तरह स्पष्ट है।
14 जनवरी को ही मनाई जाएगी मकर संक्रांति
हिंदू पंचांग के अनुसार, साल 2026 में मकर संक्रांति 14 जनवरी, बुधवार को मनाई जाएगी। इस बार सूर्य का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी को ही हो रहा है, इसलिए तारीख को लेकर किसी तरह का मतभेद नहीं है। धार्मिक दृष्टि से यह दिन स्नान, दान और पुण्य कर्मों के लिए बेहद शुभ माना गया है।
मकर संक्रांति 2026 पर पुण्यकाल शाम 3 बजकर 13 मिनट से शाम 5 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। वहीं महापुण्यकाल शाम 3 बजकर 13 मिनट से 4 बजकर 48 मिनट तक माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, महापुण्यकाल में किया गया स्नान और दान कई गुना फल देता है। इसी समय गंगा, नर्मदा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व होता है।
मकर संक्रांति पर किन चीजों का करें दान?
तिल और गुड़ का दान
मकर संक्रांति पर तिल और गुड़ का दान विशेष महत्व रखता है। तिल को पापों का नाश करने वाला माना गया है, जबकि गुड़ सौभाग्य और मिठास का प्रतीक है। मान्यता है कि तिल-गुड़ का दान करने से शनि देव और सूर्य देव दोनों की कृपा प्राप्त होती है।
अन्न और खिचड़ी का दान
इस दिन चावल, दाल, बाजरा और विशेष रूप से काली उड़द का दान अत्यंत पुण्यकारी माना गया है। स्कंद पुराण के अनुसार, सच्चे मन से किया गया अन्नदान हजारों यज्ञों के बराबर फल देता है और जीवन में कभी अन्न की कमी नहीं होती।
कपड़े और कंबल का दान
मकर संक्रांति शीत ऋतु में आती है, इसलिए इस दिन जरूरतमंदों को गर्म कपड़े और कंबल दान करना सबसे बड़ा पुण्य माना गया है। यह दान न सिर्फ ठंड से बचाता है, बल्कि करुणा और मानवता की भावना को भी मजबूत करता है।
धातु के बर्तन का दान
तांबा, पीतल या चांदी के बर्तनों का दान मकर संक्रांति पर शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि धातु के बर्तन दान करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा, सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य लाभ बढ़ता है, साथ ही आर्थिक स्थिरता भी आती है।
गौदान या गौसेवा
हिंदू धर्म में गौदान को सबसे श्रेष्ठ दान माना गया है। यदि गौदान संभव न हो, तो गौशाला में चारा, गुड़ या धन का दान करना भी अत्यंत शुभ होता है। मान्यता है कि गौसेवा से सभी पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है।
Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।





