Fri, Dec 26, 2025

वाराणसी में 11 मार्च को खेली जाएगी मसान होली, जानें कैसे हुई इस परंपरा की शुरूआत

Written by:Sanjucta Pandit
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मसान की होली वाराणसी में काफी धूमधाम से खेली जाती है। इस दिन मणिकर्णिका घाट पर साधु-संतों के बीच अलग ही उत्साह देखने को मिलता है। आइए जानते हैं विस्तार से यहां...
वाराणसी में 11 मार्च को खेली जाएगी मसान होली, जानें कैसे हुई इस परंपरा की शुरूआत

Masan Holi 2025 : सनातन धर्म में होली का विशेष महत्व है। इस दिन लोग एक दूसरे को रंग और गुलाल लगाते हैं। साथ ही अबीर खेलते हैं। नए-नए कपड़े पहनते हैं। बच्चे पिचकारी खिरदते हैं। देशभर के अलग-अलग जगह पर अलग-अलग तरह से होली का त्यौहार मनाया जाता है। कहीं लठमार होली मनाई जाती है, तो कहीं फूलों की होली खेली जाती है। इस दिन लोग अपनी पुरानी दुश्मनी भूल कर एक-दूसरे को गले लगा लेते हैं। इस दिन से हिंदू के नए साल का शुभारंभ भी होता है। घरों में तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं। लोग अपने घरों की साफ सफाई भी करते हैं। वहीं, काशी में मसान होली मनाई जाती है। लोग इसे काफी अलग तरीके से मनाते हैं।

काशी में स्थित विश्वनाथ मंदिर और मणिकर्णिका घाट पर चीता की राख से होली खेली जाती है। जिसके लिए लोग सालभर इंतजार करते हैं और बड़े उत्साह के साथ इसे मनाते हैं।

कब है होली?

वैदिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन महीने की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 13 मार्च को सुबह 10:35 पर हो रही है। जिसका समापन 14 मार्च को दोपहर 12:23 पर होगा। ऐसे में 14 मार्च को होली मनाई जाएगी। वहीं, इस साल 10 मार्च को हरिश्चंद्र घाट और 11 मार्च को मणिकर्णिका घाट पर मसान होली खेली जाएगी है।

पौराणिक कथा

पौराणिक कथाओं की बात करें, तो भगवान शिव रंगभरी एकादशी के दिन माता पार्वती का गौना करके उन्हें काशी लेकर आए थे। तब उन्होंने सभी के साथ गुलाल से होली खेली थी, लेकिन वह भूत-प्रेत और जानवरों के साथ गुलाल से होली नहीं खेल पाए थे। जिस कारण उसके अगले दिन उन्होंने मसान की होली खेली थी। इस दौरान उन्होंने चीता की भस्म से होली खेल कर इस परंपरा की शुरुआत की थी। तब से ही मसान होली खेली जाती है।

धूमधाम से खेली जाती है मसान होली

यह त्यौहार मणिकर्णिका घाट पर बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। काशी के लोग, खासकर साधु-संत इस दिन का बड़ी बेसब्री से इंतजार करते हैं। इस खास मौके पर हवन का भी आयोजन किया जाता है। पूरा शहर हर हर महादेव के जयकारों से गूंज उठता है। यदि आप भी मसान की होली खेलना चाहते हैं, तो आप काशी नगरी एक्सप्लोर कर सकते हैं। जिसके स्वामी भगवान शिव है और काल भैरव इस नगर के द्वारपाल हैं। स्थानीय लोगों की ऐसी मान्यता है कि आज भी महादेव खुद धरती पर आकर गुप्त रूप से मसान की होली खेलते हैं।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)