Mon, Dec 29, 2025

अक्टूबर माह का पहला प्रदोष व्रत कल, बन रहे ये दुर्लभ संयोग, मिलेगा भगवान शिव का विशेष आशीर्वाद

Written by:Sanjucta Pandit
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हर महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत मनाया जाता है। सभी अलग-अलग नामों से भी जाने जाते हैं। इस बार के प्रदोष व्रत को भौम व्रत के नाम से जाना जाता है।
अक्टूबर माह का पहला प्रदोष व्रत कल, बन रहे ये दुर्लभ संयोग, मिलेगा भगवान शिव का विशेष आशीर्वाद

Pradosh Vrat 2024 : अक्टूबर माह का पहला प्रदोष व्रत कल रखा जाएगा। इस दौरान भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। इस व्रत को करने से लोगों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि लंबे समय से कर्ज में डूबे व्यक्ति भी इस समस्या से निजात पा सकता है।

यह दिन शिव भक्तों के लिए काफी ज्यादा खास माना जाता है। लोग सुबह से ही मंदिरों में पहुंच जाते हैं और जलाभिषेक कर भगवान शिव को प्रसन्न करने की कोशिश में लग जाते हैं। जैसा कि हम सभी जानते हैं भारत आस्था का देश है। यहां रहने वाले लोग काफी ज्यादा भगवान को मानते हैं, उनकी पूजा करते हैं। इसलिए देश के हर कोने में आपको मंदिर मिल जाएगा। जिसमें अलग-अलग भगवानों की पूजा की जाती है। सभी का अपना अलग-अलग महत्व होता है।

घर आएगी खुशहाली

वहीं, हर महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत मनाया जाता है। सभी अलग-अलग नामों से भी जाने जाते हैं। इस बार के प्रदोष व्रत को भौम व्रत के नाम से जाना जाता है। इस दिन पूजा के दौरान भगवान शिव के विशेष मंत्रों का जाप करने से घर में खुशहाली आती है।

शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, अश्विनी माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को इस महीने का पहला प्रदोष व्रत रखा जाएगा। जिसका शुभारंभ 15 अक्टूबर को सुबह 3 बजकर 42 मिनट पर होगा, इसका समापन 16 अक्टूबर को सुबह 12 बजकर 19 मिनट पर होगा। इसलिए उदया तिथि के अनुसार, 15 अक्टूबर को प्रदोष व्रत रखा जाएगा।

बन रहे दुर्लभ संयोग

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, इस दिन रवि योग सहित कुछ अन्य दुर्लभ संयोगों का भी निर्माण हो रहा है। जिससे घर में खुशियां ही खुशियां आएगी। इसके अलावा, सुकर्मा योग का भी निर्माण इस दिन हो रहा है जो कि धार्मिक मान्यताओं के लिहाज से बेहद शुभ माना जाता है। इस दौरान पूजा करने वाले भक्तों के जीवन से गृह कलेश दूर हो जाता है।

ऐसे करें पूजा

  • इस दिन सुबह भक्तों को जल्दी उठकर स्नान कर लेना चाहिए।
  • जिसके बाद साफ धुले हुए वस्त्र पहनकर पूजन स्थल को साफ कर लेना चाहिए।
  • इसके बाद घर के मंदिर में पहले
  • भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने के बाद भी करें।
  • इसके बाद गंगाजल छिड़कर भगवान शिव का जलाभिषेक करें।
  • इसके अलावा, माता लक्ष्मी पार्वती और भगवान गणेश की भी पूजा विधि विधान पूर्वक करें।
  • इसके बाद भगवान शिव की आरती उतारें।
  • फल और प्रसाद को परिवार के सभी सदस्यों में बांट दें।

इस खास मौके पर व्रत रखने वाले लोगों को 108 नाम का जाप करना चाहिए। इससे जीवन में चल रही सारी समस्याएं खत्म हो जाएगी। इसके साथ ही भगवान शिव की विशेष कृपा दृष्टि आप पर बनी रहेगी।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)