बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ को पार्टी में वापस शामिल कर लिया है। कुछ महीने पहले पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते अशोक को बसपा से निष्कासित कर दिया गया था। शनिवार को अशोक सिद्धार्थ ने सार्वजनिक रूप से मायावती से हाथ जोड़कर माफी मांगी, जिसके बाद मायावती ने उन्हें माफ करते हुए पार्टी में दोबारा शामिल करने का फैसला किया।
अशोक सिद्धार्थ, जो लंबे समय तक बसपा में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर रहे और पूर्व राज्यसभा सांसद भी थे, ने अपनी गलतियों के लिए सार्वजनिक रूप से पश्चाताप व्यक्त किया। उन्होंने मायावती से माफी मांगते हुए पार्टी और बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के स्वाभिमान आंदोलन के प्रति पूर्ण निष्ठा का वादा किया। मायावती ने एक्स पर लिखा कि अशोक की माफी और उनके पश्चाताप को देखते हुए, पार्टी के हित में उन्हें एक और मौका देना उचित समझा गया, जिसके बाद उनका निष्कासन तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया।
मायावती की अपेक्षाएं और बसपा का मिशन
मायावती ने उम्मीद जताई कि अशोक सिद्धार्थ अब पूरे समर्पण के साथ पार्टी और इसके मिशन को आगे बढ़ाने में योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि बसपा का लक्ष्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के कारवां को आगे बढ़ाकर बहुजन समाज को शोषित वर्ग से ऊपर उठाना और उन्हें देश व प्रदेश का शासक वर्ग बनाना है। मायावती ने यह भी स्पष्ट किया कि अशोक को पार्टी अनुशासन में रहकर काम करना होगा।
अशोक सिद्धार्थ का माफी पत्र
अशोक सिद्धार्थ ने मायावती को संबोधित करते हुए लिखा कि उन्होंने जाने-अनजाने में और गलत लोगों के बहकावे में आकर गलतियां कीं, जिनके लिए वे हाथ जोड़कर माफी मांगते हैं। उन्होंने वादा किया कि वे भविष्य में पार्टी अनुशासन का पालन करेंगे और रिश्तेदारी का कोई अनुचित फायदा नहीं उठाएंगे। साथ ही, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे पार्टी से निकाले गए लोगों, जैसे संदीप ताजने और हेमंत प्रताप, की वापसी के लिए कोई सिफारिश नहीं करेंगे।





