वाराणसी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने दो दिवसीय वाराणसी दौरे के दौरान ताजिया, मोहर्रम, कांवड़ यात्रा और समाज में फैल रही नफरत को लेकर कई बड़े बयान दिए। बसंता कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि कुछ तत्व समाज की एकता को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, जिन्हें समय रहते बेनकाब करना जरूरी है। सीएम ने हाल ही में जौनपुर में हुई घटना का जिक्र किया। जहां ताजिया हाईटेंशन तार की चपेट में आ गया और तीन लोगों की मौत हो गई। उन्होंने कहा, “वे लोग रास्ता जाम कर रहे थे। पुलिस ने पूछा क्या करें? मैंने कहा- लाठी मारकर बाहर करो, क्योंकि ये लातों के भूत बातों से नहीं मानते।”
सीएम योगी की बड़ी बातें-
सीएम ने कहा कि हमने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि ताजिए की ऊंचाई सीमित रखिए। यदि आप ताजिया ऊंचा बनाएंगे तो आप हाईटेंशन तार हटवाने और पेड़ की टहनियां कटवाने की मांग करेंगे। “एक पेड़ को बढ़ने में 40-50 साल लगते हैं, हम उसे नहीं काटेंगे।” योगी ने कहा कि पहले मोहर्रम के जुलूस में आगजनी होती थी और उपद्रव फैलता था। बहन-बेटियां घर से बाहर नहीं निकल पाती थीं। जब हमने नियम बनाया और कहा कि ताजिए की ऊंचाई सीमित होनी चाहिए, तब सोशल मीडिया पर किसी ने विरोध नहीं किया।
सीएम ने कहा कि कांवड़ यात्रा भक्ति और समर्पण का प्रतीक है, लेकिन उसे भी बदनाम करने की कोशिश होती है। “कांवड़ियों को उपद्रवी और आतंकवादी तक कहा जाता है। ये वही मानसिकता है, जो भारत की विरासत का अपमान करती है।”
फेक अकाउंट से फैलाया जा रहा जहर
योगी ने कहा कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बनाकर जातीय संघर्ष भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। “ये लोग भारत की आस्था का अपमान करते हैं और जनजातीय समाज को भी भड़काते हैं।” सीएम ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “हमारी सनातन परंपरा में कहीं नहीं लिखा है कि सिर्फ मंदिर जाने वाला ही हिंदू है। अगर गांव में विवाद है, तो प्रशासन और सिस्टम है। अगर तुम बीच में दरोगा बनने जाओगे तो पिटोगे।”
बिरसा मुंडा कार्यक्रम में हुए शामिल
अपने दौरे के दूसरे दिन सीएम योगी नमो घाट स्थित बसंता कॉलेज पहुंचे। जहां उन्होंने पौधरोपण किया और आदिवासी नेता बिरसा मुंडा की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया।





