उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सोमवार को सदन का माहौल उस वक्त गरमा गया, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोडीन युक्त कफ सिरप के मुद्दे पर विपक्ष को आड़े हाथों लिया। मुख्यमंत्री ने बिना किसी का नाम लिए ‘देश में दो नमूने’ वाला बयान दिया, जिस पर समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायकों ने तीखा विरोध दर्ज कराते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया।
इस पूरे घटनाक्रम के दौरान सीएम योगी ने जहां कफ सिरप माफियाओं पर बुलडोजर एक्शन की चेतावनी दी, वहीं विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने ‘चोर-चोर’ वाली कहानी सुनाकर माहौल को संभालने की कोशिश की।
‘नमूने’ वाली टिप्पणी पर बवाल
सदन में अपनी बात रखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तंज कसते हुए कहा कि देश में दो ‘नमूने’ हैं—एक दिल्ली में बैठता है और दूसरा लखनऊ में। उन्होंने आगे कहा कि जब भी किसी गंभीर मुद्दे पर चर्चा होती है, कुछ लोग विदेश चले जाते हैं और उन्हें लगता है कि ‘बबुआ’ भी जल्द ही इंग्लैंड की सैर पर निकल जाएंगे।
इस टिप्पणी से सपा विधायक भड़क गए। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे ने मुख्यमंत्री की भाषा पर आपत्ति जताते हुए कहा कि ऐसे शब्द उनके संवैधानिक पद की गरिमा के अनुरूप नहीं हैं। हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने किसी का नाम नहीं लिया है। उन्होंने सदन में एक कहानी भी सुनाई, जिसका सार यह था कि बिना नाम लिए कही गई बात को व्यक्तिगत आरोप नहीं माना जा सकता।
सपा सरकार में जारी हुआ था लाइसेंस: सीएम
कोडीन कफ सिरप से जुड़ी मौतों के आरोपों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश में इस सिरप से एक भी मौत नहीं हुई है। उन्होंने सदन को बताया कि जिन मौतों की बात की जा रही है, वे अन्य राज्यों से संबंधित हैं और जिस सिरप से मौतें हुईं, उसका निर्माण तमिलनाडु में हुआ था।
योगी ने पलटवार करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में कोडीन कफ सिरप का निर्माण नहीं होता, यहां केवल स्टॉकिस्ट और होलसेलर हैं। उन्होंने दावा किया कि प्रदेश के सबसे बड़े होलसेलर को लाइसेंस समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान ही जारी किया गया था।
अवैध डायवर्जन और बुलडोजर की चेतावनी
मुख्यमंत्री ने मामले की गंभीरता को समझाते हुए कहा कि यह मिलावट का नहीं, बल्कि कफ सिरप के अवैध डायवर्जन का मामला है। यह सिरप उन इलाकों में सप्लाई किया गया जहां नशाबंदी लागू है, जबकि इसका इस्तेमाल केवल डॉक्टर की सलाह पर होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जांच में समाजवादी पार्टी से जुड़े लोगों के नाम सामने आ रहे हैं। एक लोहिया वाहिनी पदाधिकारी के खाते से अवैध लेन-देन की जांच एसटीएफ कर रही है। सीएम योगी ने सख्त लहजे में चेतावनी दी कि इस मामले को एनडीपीएस एक्ट के तहत देखा जा रहा है। समय आने पर बुलडोजर की कार्रवाई भी होगी और तब विपक्ष को शोर नहीं मचाना चाहिए।
अब तक की कार्रवाई का ब्यौरा
सरकार की ओर से सदन में पेश आंकड़ों के मुताबिक, इस मामले में अब तक 79 केस दर्ज किए गए हैं। कुल 225 अभियुक्त नामजद हैं, जिनमें से 78 की गिरफ्तारी हो चुकी है। इसके अलावा 134 फर्मों पर छापेमारी की कार्रवाई की गई है। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
कोडीन कफ सिरप से उत्तर प्रदेश के अंदर कोई मौत नहीं हुई है…
देश के अंदर दो नमूने हैं, एक दिल्ली में और एक लखनऊ में बैठते हैं,
जब देश में कोई चर्चा होती है तो वह तुरंत देश छोड़कर भाग जाते हैं… pic.twitter.com/vv0eabVu2S
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 22, 2025





