उत्तर प्रदेश में बिजली व्यवस्था की बदहाली और अधिकारियों की उपेक्षापूर्ण कार्यशैली पर राज्य के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा एक बार फिर सख्त नजर आए। मंत्री ने इस बार एक उपभोक्ता और बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के बीच हुई बातचीत का ऑडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर साझा करते हुए अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी है।
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि यह ऑडियो उन्हें एक पूर्व सांसद ने भेजा है। उन्होंने लिखा,
“कई बार सांसद रह चुके एक वरिष्ठ राजनेता ने अपने क्षेत्र से एक पढ़े-लिखे नागरिक और बिजली विभाग के अधिकारी के बीच हुई बातचीत का ऑडियो भेजा है, जिस पर कार्रवाई की जानी चाहिए।”
कई बार सांसद रह चुके एक वरिष्ठ राजनेता ने अभी-अभी अपने क्षेत्र से एक पढ़े-लिखे नागरिक की बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के साथ हुई बातचीत का ऑडियों निम्नांकित लिखकर मुझे कार्यवाही करने के लिए भेजा है।
यही बात मैंने तीन दिन पहले UPPCL के चेयरमैन, MD और अन्य अधिकारियों को कहा… pic.twitter.com/xQ5I0XaPQB
— A K Sharma (@aksharmaBharat) July 26, 2025
अफसरों को फिर घेरा
मंत्री ने याद दिलाया कि कुछ दिन पहले ही UPPCL के चेयरमैन, एमडी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में उन्होंने साफ कहा था कि टेक्नोलॉजी आधारित व्यवस्था, जैसे 1912 की टोल फ्री सेवा, मानवीय संपर्क का विकल्प नहीं बन सकती। उनका तात्पर्य था कि जब उपभोक्ता फोन करते हैं, तो अधिकारियों को जवाब देना ही चाहिए।उन्होंने लिखा,
“अधिकारी फोन उठाना बिल्कुल ही बंद कर दिए हैं। तितलौकी थी ही, अब नीम पर चढ़ गई है।”
झूठ बोलने का आरोप
ऊर्जा मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि मीटिंग में अधिकारियों ने उनसे झूठ बोला कि 1912 पर शिकायत के लिए बाध्य करने जैसा कोई निर्देश नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि मैंने कई बार पूछा, लेकिन हर बार वही असत्य जवाब मिला। इसके बाद उन्होंने संबंधित ऑडियो साझा करते हुए कहा कि अब जनता खुद वास्तविकता सुन सकती है।
सार्वजनिक चेतावनी
पोस्ट में मंत्री ने अधिकारियों को सीधे-सीधे चेतावनी दी। कहा कि एक बार पुनः कह रहा हूं कि जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझें। उनसे त्वरित और उचित भाषा में संवाद करें और समस्या का निराकरण करें। अन्यथा परिणाम भयंकर होंगे।
क्या है मामला?
ऊर्जा मंत्री ने अपनी पोस्ट में उस व्हाट्सऐप मैसेज का भी जिक्र किया है, जो उन्हें एक पूर्व सांसद ने भेजा था। उस मैसेज में लिखा गया था,
“माननीय मंत्री जी, बस्ती शहर के एक बड़े मोहल्ले में सुबह 10 बजे से बिजली नहीं है। रात 8 बजे तक अधिकारियों के फोन ना उठाने पर अधीक्षण अभियंता को कॉल किया गया। जिस तरह से उन्होंने बात की, वह बेहद असंवेदनशील थी। लगता है ये लोग सरकार की छवि जानबूझकर खराब कर रहे हैं।”
बातचीत की रिकॉर्डिंग भी मंत्री को भेजी गई थी, जिसे उन्होंने सार्वजनिक कर दिया। पिछले कुछ महीनों से प्रदेशभर में बिजली की अनियमित आपूर्ति और खराब शिकायत निवारण तंत्र को लेकर जनता नाराज है। ऊर्जा मंत्री पहले भी कई बार इस पर अफसरों को फटकार चुके हैं, लेकिन इस बार उन्होंने मामले को सार्वजनिक करके यह साफ कर दिया कि अब “चुपचाप चेतावनी” का दौर खत्म हो चुका है।





