उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उन्होंने आज मऊ के एमपी-एमएलए कोर्ट में सरेंडर कर दिया। उनके खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के एक पुराने मामले में गैर-जमानती वारंट जारी हुआ था। कोर्ट में पेश होने के बाद राजभर को जमानत मिल गई। इस दौरान सुभासपा के कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता उनके साथ मौजूद रहे।
ओम प्रकाश राजभर के खिलाफ 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान हलधरपुर थाने में आचार संहिता उल्लंघन का मुकदमा दर्ज किया गया था। यह मामला उनके विवादित बयानों से जुड़ा था, जिसके बाद कोर्ट ने उनके खिलाफ वारंट जारी किया। राजभर लंबे समय तक कोर्ट में पेश नहीं हो रहे थे, लेकिन आज कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच वे मऊ के विशेष कोर्ट में हाजिर हुए और अपनी स्थिति स्पष्ट की।
कोर्ट में सरेंडर, जमानत मंजूर
मऊ के एमपी-एमएलए कोर्ट में सरेंडर करने के बाद ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि वे कोर्ट के वारंट का सम्मान करते हुए स्वयं पेश हुए हैं। कोर्ट ने सुनवाई के बाद उन्हें जमानत दे दी। इस दौरान उनके समर्थकों की भीड़ कोर्ट परिसर में मौजूद थी, जिससे मामला और चर्चा में आ गया। राजभर ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि वे कानून का पालन करने वाले नागरिक हैं।
सियासी हलचल तेज
ओम प्रकाश राजभर का कोर्ट में सरेंडर और जमानत मिलना उत्तर प्रदेश की सियासत में नया मोड़ ला सकता है। सुभासपा के भाजपा के साथ गठबंधन में होने के कारण इस घटना ने राजनीतिक गलियारों में चर्चा छेड़ दी है। विपक्षी दल इस मामले को भुनाने की कोशिश कर सकते हैं, जबकि राजभर के समर्थक इसे उनके कानून के प्रति सम्मान का प्रतीक बता रहे हैं। इस घटनाक्रम पर सभी की निगाहें टिकी हैं।





