उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत एक बार फिर सख्त कार्रवाई हुई है। राज्य कर विभाग के दो अफसरों को भ्रष्टाचार और कार्य में लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सेतु निगम के एक प्रोजेक्ट मैनेजर के खिलाफ जमानती वारंट जारी कर दिया है।
अफसर निलंबित
राज्य कर विभाग ने मुजफ्फरनगर विशेष अनुसंधान शाखा में तैनात राज्य कर अधिकारी हिमांशु सुधीर लाल को सस्पेंड कर दिया है। आरोप है कि उन्होंने व्यापारी राकेश जैन को धमकाया और रिश्वत की मांग की। शिकायत पर सहारनपुर के अपर आयुक्त ग्रेड-1 ने जांच करवाई और अनुशासनात्मक कार्रवाई की संस्तुति दी, जिसके आधार पर हिमांशु को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर झांसी से सम्बद्ध कर दिया गया है।
GST रिफंड पर अफसर की छुट्टी
दूसरा मामला संत कबीर नगर का है, जहां राज्य कर अधिकारी सीमा सिंह को नियमों की अनदेखी करने और बोगस ITC पास कराने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। सीमा सिंह पर आरोप है कि उन्होंने यादव इंटरप्राइजेज नाम की फर्म के पंजीयन का ठीक से सत्यापन नहीं किया, जिससे फर्जी तरीके से 18.96 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) पास कर दिया गया। विभाग को इससे भारी नुकसान हुआ। निलंबन के दौरान उन्हें अयोध्या से सम्बद्ध किया गया है।
अब कोर्ट में पेशी जरूरी
दूसरी ओर, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम, द्वितीय इकाई प्रयागराज के प्रोजेक्ट मैनेजर रोहित मिश्र के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। यह कार्रवाई अवमानना के एक मामले में की गई है।
न्यायमूर्ति नीरज तिवारी की बेंच ने यह आदेश मैकूलाल की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। कोर्ट ने पहले ही उन्हें आदेश अनुपालन का हलफनामा दाखिल करने को कहा था, लेकिन रोहित मिश्र न तो अदालत में हाजिर हुए, न ही कोई जवाब दिया। इसे कोर्ट ने बेहद गंभीर माना और सीजेएम को निर्देश दिया है कि 31 जुलाई को उन्हें कोर्ट में पेश करें।





