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Sat, Dec 20, 2025

PHQ का ये कैसा आदेश,नोटिस जारी कर कहा- “पुलिसकर्मी संक्रमित हुए तो खुद होंगे जिम्मेदार”

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PHQ का ये कैसा आदेश,नोटिस जारी कर कहा- “पुलिसकर्मी संक्रमित हुए तो खुद होंगे जिम्मेदार”

भोपाल

कोरोना क्राइसिस (corona crisis) में लगातार अपनी जान जोखिम में डालकर ड्यूटी निभाने वाले पुलिसकर्मियों से अब उनके विभाग ने ही पल्ला झाड़ लिया है। पुलिस मुख्यालय (PHQ) से जारी एक आदेश में कहा गया है कि भोपाल के सबसे संक्रमित क्षेत्र जहांगीराबाद (jahangirabad) में जो भी पुलिस अधिकारी, कर्मचारी व वाहन ड्राइवर रहते हैं, वो अपने लिये कोई और सुरक्षित निवास स्थान देख लें। अगर वो उस इलाके से शिफ्ट (shift) नहीं होते हैं और संक्रमित पाए जाते हैं तो इसके लिये वो खुद जिम्मेदार होंगे।

पुलिस मुख्यालय (PHQ) द्वारा जारी एक आदेश में जहांगीराबाद समेत अन्य रेड जोन (red zone) स्थित कंटेनमेंट इलाके में निवासरत पुलिसकर्मियों के पुलिस मुख्यालय प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। आदेश में कहा गया है कि ऐसे अधिकारी व कर्मचारी जो फिलहाल जहांगीराबाद रेड जोन कन्टेनमेंट इलाके में रहते हैं, उन्हें अगले आदेश तक पुलिस मुख्यालय में आने की मनाही की जाती है। ऐसे सभी लोगों को वर्क फ्राम होम (work from home) करने के निर्देश दिए गए हैं। इस जगह रहने वाले वाहन चालकों (drivers) को भी मुख्यालय आने से मना किया गया है।

इतना ही नहीं, इस पत्र में ये भी कहा गया है कि जहांगीराबाद रेड जोन में रहने वाले अधिकारी कर्मचारी किसी उपयुक्त स्थान पर शिफ्ट हो जाएं। अगर वे सुरक्षित स्थान पर नहीं जाते हैं और बाद में कोरोना संक्रमित पाए जाते हैं तो इसके लिये वे स्वयं उत्तरदायी (self responsible) होंगे।

अब सवाल ये उठता है कि सालों से उस इलाके में रहने वाले पुलिस कर्मी अचानक अपने परिवार को लेकर कहां शिफ्ट हो जाएं। ऐसे समय में जब लोग अपने रिश्तेदारों को भी घर नहीं आने दे रहे, भला इस इलाके में रहने वाले पुलिसकर्मियों को कहां से रहने के लिये कोई स्थान मिलेगा या कौन इन्हें किराये पर मकान देगा। यदि पुलिस मुख्यालय चाहता है कि ये लोग उस इलाके से शिफ्ट हो जाएं तो वो इनके रहने के लिये कोई व्यवस्था क्यों नहीं उपलब्ध करा रहा। लेकिन बजाय कि अपने स्टाफ की मदद करने के, उसने तो ये कहकर पल्ला झाड़ लिया है कि संक्रमित होने की स्थिति में पुलिस वाले और उनके परिवारजन स्वयं उत्तरदायी होंगे। ऐसे आदेश को पाकर दिन रात अपनी जान जोखिम में डाल ड्यूटी निभाने वाले पुलिसकर्मियों के मनोबल पर क्या असर पड़ेगा, इसका अंदाज़ा लगाना स्वाभाविक है।