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Thu, Dec 18, 2025

85 साल के बुजुर्ग की सरकार से न्याय की गुहार, कहा- भू माफिया ने तोड़ दी दुकान,मकान और गोदाम

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85 साल के बुजुर्ग की सरकार से न्याय की गुहार, कहा- भू माफिया ने तोड़ दी दुकान,मकान और गोदाम

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट| देशभर में जब लॉकडाउन (Lockdown) था लोग घरों में कैद थे । उस वक्त भू माफिया ने बर्तन व्यापारी की दुकान मकान और गोदाम पर कब्जा किया। फिर नगर निगम के मार्फत जर्जर बताकर गिरवा दिया। यह आरोप है राजधानी भोपाल (Bhopal) के लोहा बाजार इलाके में रहने वाले 85 वर्षीय बर्तन व्यापारी चंद्र गोपाल ताम्रकार ( हयारण ) के| उनका आरोप है कि वे और उनका पूरा परिवार कोरोना से संक्रमित थे। इस बीच नगर निगम के साथ मिलकर भूमाफिया अशोक नाहर, वीरेंद्र ओसवाल और किर्तेष ओसवाल ने उनकी 65 वर्ष पुरानी बर्तन की दुकान तोड़ दी। इस मामले में कांग्रेस (Congress) ने ट्वीट कर सरकार पर हमला बोला है|

बर्तन व्यापारी ने आरोप लगाया कि उनका मकान और गोदाम भी जर्जर बताकर गिरवा दिया। अब वह प्रशासन और पुलिस से मदद की गुहार लगा रहे हैं। उनका कहना है कि 85 साल की उम्र में वह कोर्ट कचहरी के चक्कर नहीं लगा सकते। जितनी मेहनत करनी थी उन्होंने पुलिस प्रशासन के सभी अधिकारियों को शिकायत कर बता दी है। इसके बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है। जबकि इस मामले में कोर्ट ने स्टे दिया था।

प्रशासन भू-माफिया से कराए मुक्त
85 वर्षीय चंद्र गोपल हयारण का कहना है कि जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने वाले किर्तेश, वीरेंद्र ओसवाल और पार्टनर अशोक नाहर पर प्रशासन कार्रवाई करे। यह भू-माफिया ने उनकी चलती बर्तन की दुकान गिरवाई है। इसके अलावा 50 लाख रुपए का नुकसान किया है।

अफसरों की भूमिका संदिग्ध
शिकायतकर्ता के अनुसार जमीन पर कब्जा करने वाले अफसरों ने सिर्फ किर्तेष, वीरेंद्र और अशोक नाहर को फायदा पहुंचाने के लिए सभी आदेश और नियम ताक पर रख दिए। शहर में 900 जर्जर मकान है जो कि खाली अवस्था में हैं लेकिन सिर्फ एक दुकान और घर को गिराया गया। खास बात है कि उनकी स्थिति जर्जर नहीं थी। नगर निगम के साथ मिलकर दोनों भू-माफिया ने बर्तन व्यापारी को अपना निशाना बनाया है।

क्या है पूरा मामला
शिकायतकर्ता के अनुसार लोहा बाजार स्थित चंद्र गोपल हयारण की 67 नंबर दुकान थी। उनकी दुकान के आस-पास की जमीन किर्तेश, वीरेंद्र ओसवाल और अशोक नाहर ने खरीद ली। फिर चंद्र गोपल हयारण से री-डेवलपमेंट कर दुकान और घर बनाकर देने का राजीनामा किया। इसके बाद किर्तेश, वीरेंद्र और अशोक की नियत बदल गई। उन्हें 1913 से जमीन के मालिक को फर्जी बताकर दुकान पर कब्जा कर लिया। इसके बाद 65 साल पुरानी बर्तन की दुकान और घर गिराकर जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। 85 साल के बुजुर्ग बर्तन व्यापारी ने प्रशासन पुलिस और सरकार से न्याय की गुहार लगाई है|