जीतू पटवारी ने मध्यप्रदेश सरकार के दो साल पूरे होने पर विभिन्न मंत्रियों द्वारा महंगे स्थानों पर की जा रही प्रेस कॉन्फ्रेस को फिजूलखर्जी करार देते हुए बीजेपी को घेरा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश वैसे ही कर्ज में डूब रहा है और उसपर मोहन यादव जी की सरकार कर्ज के पैसे से राजनीतिक अय्याशी कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सरकार महंगे बैंक्वेट हॉलों में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने पर कर रही है, जिसमें भोपाल के मिंटो हॉल जैसे स्थानों पर लॉन, खानपान, लाइव प्रसारण और अन्य व्यवस्थाओं पर लगभग 10 लाख रुपये प्रति कार्यक्रम खर्च हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश पहले ही कर्ज में डूबा हुआ है, उसपर 30 मंत्रियों की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर जनता के लगभग 3 करोड़ रुपये फूंके जा रहे हैं।
कांग्रेस ने मोहन सरकार के मंत्रियों की महंगी प्रेस कॉन्फ्रेंस पर साधा निशाना
एक तरफ मध्यप्रदेश सरकार अपने दो साल पूरे होने पर अपनी उपलब्धियां गिना रही है, वहीं कांग्रेस ने मोहन कैबिनेट के मंत्रियों पर फिजूलखर्जी का आरोप लगाया है। दरअसल, अलग अलग मंत्री दो साल की विभागीय उपलब्धियां बताने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेस कर रहे हैं। सामान्यतया ये प्रेस कॉन्फ्रेंस राजधानी भोपाल के मिंटो हॉल में आयोजित होती हैं, जो काफी महंगा है। इसे लेकर जीतू पटवारी ने मोहन सरकार पर निशाना साधा है।
जीतू पटवारी ने लगाए फिजूलखर्ची के आरोप
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव अपनी सरकार के हर मंत्री से भोपाल के मिंटो हॉल जैसे महंगे बैंक्वेट हॉल में प्रेस कॉन्फ्रेंस करवा रहे हैं जहां सारे इंतजामों पर औसतन 10 लाख रुपये खर्च हो रहे हैं। इस तरह 30 मंत्रियों की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर जनता के करीब 3 करोड़ रुपये फूंके जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोहन यादव की सरकार कर्ज के पैसे से ‘राजनीतिक अय्याशी’ कर रही है।
पूछा ‘वचन पत्र के वादे दो साल में क्यों नहीं हुए पूरे’
जीतू पटवारी ने कहा कि मध्यप्रदेश पहले ही कर्ज में डूबा हुआ है, ऊपर से भाजपा सरकार के मंत्रियों की यह फिजूलखर्ची थमने का नाम नहीं ले रही। उन्होंने कहा कि ” जनता के पैसों के इतने खर्च के बाद भी इन प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक भी मंत्री यह बताने को तैयार नहीं है कि 2023 में दी गई मोदी की गारंटी और अपने ही वचन पत्र के वादे दो साल में क्यों पूरे नहीं हुए।” कांग्रेस नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के कार्यकाल के तीन साल बचे हैं और उनकी इस फिजूलखर्ची और मध्यप्रदेश को कर्ज के दलदल में ले जाने के लिए प्रदेश की जनता उन्हें कभी एक अच्छे मुखिया के रूप में याद नहीं रखेगी। बता दें कि ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, 2025-26 के वित्तीय वर्ष में मध्यप्रदेश का कुल कर्ज लगभग 4.65 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो राज्य के 4.21 लाख करोड़ रुपये के बजट से अधिक है। ऐसे में कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर फिजूलखर्ची का आरोप लगाते हुए उसे घेरा है।





