मध्यप्रदेश में किसान कर्ज माफी को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच एक बार फिर राजनीतिक बहस छिड़ गई है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने खेल-युवा कल्याण एवं सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए माफी मांगने की मांग की है।
बता दें कि विश्वास सारंग ने कहा है कि कमलनाथ सरकार की ‘फर्जी किसानों’ वाली लोन माफी योजना से सहकारी समितियों और बैंकों की हालत खराब हो गई थी। भोपाल में अपने विभाग की उपलब्धियां गिनाते हुए उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों में इन संस्थाओं की स्थिति सुधारने के प्रयास किए गए हैं।
कमलनाथ ने विश्वास सारंग से की माफी मांगने की मांग
विश्वास सारंग के इस बयान पर पलटवार करते हुए कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस कार्यकाल में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही उन्होंने सबसे पहला काम किसानों का कर्ज माफ करने का किया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने दो चरणों में लगभग 27 लाख (26,95,381) किसानों का 11,646.96 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया था। उन्होंने जिलेवार सूची भी संलग्न करने की बात कही।” पूर्व सीएम ने आरोप लगाया कि यदि भाजपा ने छलपूर्वक उनकी सरकार नहीं गिराई होती तो बाकी किसानों का कर्ज भी माफ हो जाता। उन्होंने कहा कि विश्वास सारंग ने कांग्रेस सरकार में किसान कर्ज़ माफी को लेकर सरासर झूठ और इस झूठ के लिए उन्हें मध्यप्रदेश की जनता और किसानों से माफी मांगनी चाहिए।
बीजेपी पर लगाया झूठ बोलने का आरोप
कमलनाथ ने भाजपा पर किसानों से किए गए वादे न निभाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि गेहूं और धान पर न्यूनतम समर्थन मूल्य का वादा आज तक पूरा नहीं हुआ। किसानों की आय घट रही है और दोनों सीजन में खाद की किल्लत से परेशानी झेलनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि किसानों के साथ रात-दिन धोखा करने वाली भाजपा सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने उनकी सरकार के दौरान हुई किसान कर्ज़ माफी को लेकर सरासर झूठ बोला है। पूर्व सीएम ने कहा कि “बेहतर होगा झूठ और फरेब से प्रदेश की जनता को भ्रमित करने के बजाए भाजपा किसानों से किए गए वे वादे निभाए जो उसने चुनाव के समय किए थे।”





