Fri, Dec 26, 2025

जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद अलर्ट पर मध्य प्रदेश

Written by:Mp Breaking News
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जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद अलर्ट पर मध्य प्रदेश

भोपाल।  जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद मध्य प्रदेश में भी पुलिस अलर्ट पर है, इंटेलिजेंस ने पहले ही सभी जिलों के SP को अलर्ट रहने के निर्देश दिये थे| शांति भंग करने वालों पर सख्त कार्रवाई के लिए फ्री हैंड रहेगा|  जिला प्रशासन स्तर पर भी सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर नजर रखी जा रही है| पुलिस मुख्यालय की ओर से सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। प्रदेश में जम्मू-कश्मीर से पढ़ने के लिए आने वाले छात्रों और शॉल-कंबल बेचने वाले व्यापारियों की गतिविधियों पर नजर रखने व उन्हें विशेष सुरक्षा प्रदान करने को कहा गया है। इन छात्रों की संख्या सबसे ज्यादा भोपाल और ग्वालियर में है। वहीं केंद्र सरकार ने भी सभी राज्य सरकारों को एडवाइजरी जारी की है| कई राज्यों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. साथ ही हिंसा को रोकने के लिए पुलिस से मॉक ड्रिल चलाने का निर्देश भी जारी किया गया है| 

कश्मीर में सुरक्षा बलों की तैनाती एवं मौजूदा हालात को देखते हुए मप्र पुलिस ने शनिवार को ही प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया है। इंटेलीजेंस की ओर से सभी पुलिस अधीक्षकों को कहा गया है कि आगामी दिनों में आने वाले त्यौहारों नागपंचमी, रक्षाबंधन, कावड़ यात्रा एवं ईद के दौरान कानून व्यवस्था एवं सांप्रदायिक सौहाद्र बनाए रखने के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएं। निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि शरारती तत्वों से कड़ाई से निपटा जाए। मॉब लिचिंग (भीड़ हिंसा) की घटनाएं कदापि न होने पाएं। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक गुप्तवार्ता कैलाश मकवाना ने पुलिस अधीक्षकों को यह भी हिदायत दी है कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर राज्य में बड़ी संख्या में की गई सुरक्षाबलों तैनाती को ध्यान में रखकर विशेष एहतियात बरतें। उन्होंने कहा है कि भविष्य में होने वाले निर्णयों की वजह से कतिपय संगठनों व तत्वों द्वारा संभावित धरने, रैली व आंदोलनों को लेकर भी पुलिस पूरी तरह सर्तक रहे। श्री मकवाना ने निर्देश दिए है कि सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफवाहों को रोकने के लिए पूर्व में जारी किए गए दिशा निर्देशों का भी कड़ाई से पालन कराएं।  

कई राज्यों में हाई अलर्ट

जम्मू-कश्मीर पर आए फैसले के बाद केवल कश्मीर में हाई अलर्ट जारी नहीं किया गया है बल्कि कई राज्यों में हाई अलर्ट जारी किया गया है।केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों को एडवाइजरी जारी कर हाई अलर्ट पर रहने को कहा है। राज्य सरकारों ने सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस को अलर्ट कर दिया है। पुलिस को हिंसा से निपटने के लिए तैयार करने का निर्देश दिया गया है।

चौकसी बढ़ाएं, खुद गश्त करें अफसर 

पुलिस मुख्यालय ने मैदानी अफसरों से कहा है कि आगामी त्यौहारों के मद्देनजर सार्वजनिक स्थल बाजार, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन पर लोगों की भीड़ रहेंगी। इन स्थानों पर चौकसी बढ़ाएं, गुप्त कैमरे लगाए जाएं। अधिकारी खुद गश्त करें। जनता से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील करें। 

इसलिए जारी किया अलर्ट

केंद्रीय ख़ुफ़िया एजेंसियों को इनपुट मिलें है। इसके आधार पर प्रदेश में अलर्ट जारी किया है। 15 अगस्त को रक्षाबंधन का त्यौहार भी है। इस वजह से देश भर के बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, बाजार समेत अन्य सार्वजनिक स्थलोंं पर भीड़-भाड़ रहेगी। यही वजह है कि पीएचक्यू ने प्रदेश में अलर्ट जारी किया है। 

अपवाहों फैलाने वालों से सख्ती से निपटें

बच्चा चोर गैंग व रोहिंग्या मुसलमानों द्वारा बच्चों का अपहरण कर उन्हें बेचने संबंधी अफवाहों से सावधान रहने की अपील हाल ही में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक गुप्तवार्ता मकवाना प्रदेशवासियों से की थी। उन्होंने अपील के जरिए स्पष्ट किया था कि सोशल मीडिया मसलन व्हाट्सएप व फेसबुक इत्यादि पर विभिन्न प्रकार की पुरानी घटनाओं को जोड़कर और फेक मैसेज बनाकर अफवाहें फैलाई जा रही हैं। इस संबंध में उन्होंने कुछ फेक मैसेज के उदाहरण भी जनता के ध्यान में लाए थे। साथ ही बताया संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षक से इसकी क्रॉस चेकिंग कराई गई , जिसमें सोशल मीडिया पर बताईं जा रहीं घटनाएं असत्य पाई गई थीं। सभी जिलों की पुलिस और प्रशासन से कहा गया है कि सोशल मीडिया पर नजऱ रखें और अफवाहों का तत्परता से खण्डन करें, जिससे अफवाहों की वजह से मोब लिंचिंग व कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित न हो।  

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं

कश्मीर में आतंकी हमले का इनपुट मिलने के बाद 100 अर्धसैनिक बलों की कंपनियों को भेजा गया था| दो दिन पहले 80 और कंपनियों को घाटी में भेजा गया है. इसके अलावा अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए लगाए गए 320 अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त कंपनियों को भी घाटी की सुरक्षा का जिम्मा दिया गया है|घाटी में करीब 450 अर्धसैनिक बलों की कंपनियों की नियमित तैनाती रहती है. अर्धसैनिक बलों की ये तैनाती सेना और प्रदेश पुलिस की तैनाती से अलग है. यानी घाटी में अर्धसैनिक बलों की करीब एक हजार कंपनियां तैनात है. हर कंपनी में 100 जवान होते हैं|