Fri, Dec 26, 2025

“SIR कोई तकनीकी प्रक्रिया नहीं, मताधिकार से वंचित करने की सुनियोजित साजिश” उमंग सिंघार ने लगाए आरोप, बताया- लोकतंत्र पर हमला

Written by:Shruty Kushwaha
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कांग्रेस नेता ने कहा कि यह प्रक्रिया मतदाता सूची को सुधारने की नहीं, बल्कि योजनाबद्ध तरीके से लोगों को मतदान के अधिकार से वंचित करने का प्रयास है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसके तहत बड़ी संख्या में मतदाताओं..विशेष रूप से महिलाओं के नाम हटाए जा रहे हैं, वोटरों के रिकॉर्ड में मनमाने बदलाव किए जा रहे हैं और वास्तविक मतदाताओं को अमान्य ठहराया जा रहा है।
“SIR कोई तकनीकी प्रक्रिया नहीं, मताधिकार से वंचित करने की सुनियोजित साजिश” उमंग सिंघार ने लगाए आरोप, बताया- लोकतंत्र पर हमला

Umang Singhar

उमंग सिंघार ने चुनाव आयोग की विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया पर गंभीर आरोप लगाते हुए इसे मताधिकार से वंचित करने की ‘सुनियोजित साजिश’ करार दिया है। उन्होंने कहा कि अगर इसे समय रहते नहीं रोका गया तो यह स्पष्ट रूप से लोकतंत्र पर हमला माना जाएगा।

नेता प्रतिपक्ष ने मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से कहा कि “SIR के नाम पर हर 13वें मतदाता को वोटर लिस्ट से बाहर किया जा रहा है। लगभग 24 लाख महिलाओं के नाम काटे जा रहे हैं। वोटरों के नाम एक जगह से हटाकर दूसरी जगह शिफ्ट किए जा रहे हैं। मृत व्यक्तियों के नाम वोटर लिस्ट में जोड़े जा रहे हैं। वास्तविक मतदाताओं को ‘अमान्य’ घोषित किया जा रहा है।” उन्होंने मांग की कि चुनाव आयोग और सरकार बताए कि किसके आदेश पर वोट इधर-उधर किए जा रहे हैं और मृतकों के नाम जोड़े जा रहे हैं।

ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी

मध्यप्रदेश मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण के बाद 23 दिसंबर को जारी ड्राफ्ट लिस्ट में 42.74 लाख नाम हटाए गए हैं।  जिनमें  23.64 लाख महिलाएं शामिल हैं। हटाए गए नामों के मृत मतदाता करीब 8.46 लाख, पता बदल चुके या अनुपस्थित मतदाता 31.51 लाख, डुप्लीकेट एंट्री: 2.77 लाख नाम शामिल है। इस तरह अब राज्य में कुल मतदाताओं की संख्या 5.31 करोड़ रह गई है। दावा-आपत्ति की अवधि 22 जनवरी तक है और अंतिम सूची 21 फरवरी को जारी होगी।

उमंग सिंघार ने लगाए आरोप

कांग्रेस लंबे समय से SIR को भाजपा की ‘साजिश’ बता रही है। एक बार फिर उमंग सिंघार आरोप लगाया कि SIR के नाम पर मध्यप्रदेश के हर 13वें मतदाता को वोटर लिस्ट से बाहर किया जा रहा है। वहीं लगभग 24 लाख महिलाओं के नाम काटे जा रहे हैं जबकि कुछ मामलों में मतदाताओं के नाम एक स्थान से हटाकर दूसरी जगह शिफ्ट किए जा रहे हैं। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि मृत व्यक्तियों के नाम मतदाता सूची में जोड़े जा रहे हैं और कई वास्तविक मतदाताओं को “अमान्य” घोषित किया जा रहा है। उन्होंने माग की कि चुनाव आयोग तथा सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि ऐसे बदलाव किनके आदेश पर हो रहे हैं।