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Fri, Dec 19, 2025

उमा भारती गंगोत्री में मना रहीं हैं अपना जन्मदिन, माँ गंगा को समर्पित कर गाया ये गीत

Written by:Shruty Kushwaha
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उन्होंने कहा कि ठंड से उनकी आवाज़ फट गई है लेकिन वो ये गीत गाना चाहती हैं। भाजपा नेता ने कहा कि वो गाना चाहती हैं, उन्हें पूरी ज़िंदगी गाना है और वो ये भी चाहती हैं कि गंगा जी की कलकल आदिकाल से अनंतकाल चक चलती रहे। इसी के साथ उन्होंने अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती की शुभकामनाएँ भी दीं।
उमा भारती गंगोत्री में मना रहीं हैं अपना जन्मदिन, माँ गंगा को समर्पित कर गाया ये गीत

Uma Bharti is celebrating her birthday in Gangotri : आज उमा भारती का तिथि के अनुसार जन्मदिन है और वो इसे गंगोत्री में माँ गंगा के साथ मना रही हैं। इस मौक़े पर उन्होंने कहा कि वो गंगा, गाय, तिरंगा और देश हित के लिए जीवन की अंतिम सांस तक समर्पित रहेंगीं। उन्होंने कहा कि वो आज विश्व कल्याण की कामना करती हैं और अपने लिए भी सबका आशीर्वाद चाहती हैं। इस अवसर पर उन्होंने माँ गंगा को समर्पित कर गीत भी गाया।

‘गंगा, गाय, तिरंगा, गरीब और देश हित के लिए जीवन समर्पित’

बीजेपी की फ़ायर ब्रांड नेता उमा भारती आज तिथि के अनुसार अपना जन्मदिन मना रही हैं और इस अवसर पर वो माँ गंगा के सान्निध्य में है। उन्होंने ख़ुद इस बारे में जानकारी देते हुए एक्स पर कहा है कि ‘मैं तो रात में ही गंगोत्री पहुंच गई थी। आज अक्षय तृतीया है। आज गंगा मां का जन्मदिन है, आज ही आदि शंकर का भी जन्मोत्सव है और तिथि के अनुसार आज ही मेरा जन्मदिन भी है। मेरी मां ने 9 महीने मुझे अपनी कोख में रखा, मेरी रचना की और फिर मुझे इस धरती की सेवा के लिए समर्पित कर दिया। गंगा, गाय, तिरंगा, गरीब का हित और देश में सभी का हित इसके लिए मैं अपने जीवन की अंतिम सांस तक समर्पित रहूंगी।’

गीत गाया ‘गंगा तेरा पानी अमृत’

इस पोस्ट के थोड़ी देर बाद उन्होंने सभी को परशुराम जयंती की शुभकामनाएँ भी दीं और कहा कि गंगोत्री पहुँचने की प्रसन्नता इतनी थी कि वो इस बात को भूल ही गईं। इसी के साथ उन्होंने फ़िल्म ‘गंगा तेरा पानी अमृत’ फ़िल्म का माँ गंगा को समर्पित गीत भी गाया और कहा कि गंगाजी आदिकाल से अनंतकाल तक बहती रहे यही कामना है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि ‘कल रात को गंगोत्री पहुंच जाने से लेकर अभी तक खुशी के मारे यह भूल ही गई कि आज भगवान परशुराम जी की जयंती है और आदि शंकर जी की जयंती पंचमी को है। आज अक्षय तृतीया है, आज तो गंगा की धारा में सब समाहित है। हिमालय के इस क्षेत्र में गंगा की धारा का स्वर इतना आनंद मगन करता है कि अपनी सुध बुध भूल जाती है लेकिन मुझे खुशी है कि मैंने मां गंगा को, भगवान परशुराम जी को और आदि शंकर जी को एक साथ याद कर लिया। सबसे आपका कल्याण की कामना करती हूं।’