राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की अगुवाई में चल रही ‘वोटर अधिकार यात्रा’ बुधवार को दरभंगा पहुंची, जहां तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन भी शामिल हुए। यात्रा में उनकी मौजूदगी को लेकर राजनीतिक हलकों में बहस छिड़ गई है। स्टालिन ने मंच से लालू प्रसाद यादव की जमकर तारीफ की और कहा कि वह देश के प्रमुख नेताओं में से एक हैं तथा उनके नेता करुणानिधि के घनिष्ठ मित्र रहे हैं। उन्होंने कहा कि लालू कभी भाजपा से नहीं डरे और तेजस्वी भी उसी राह पर चल रहे हैं।
सम्राट चौधरी ने बताया लोकतंत्र के लिए खतरा
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने स्टालिन की मौजूदगी पर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा, “तमिलनाडु के मुख्यमंत्री का बिहार आकर राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को समर्थन देना लोकतंत्र के लिए और बिहार के लिए खतरा है। लालू यादव ने उन्हें बुलाकर बिहार के लोगों का अपमान किया है।” चौधरी ने आरोप लगाया कि लालू परिवार हमेशा उन लोगों का संरक्षण करता है, जिन्होंने बिहार का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि जनता सब देख रही है और समय आने पर दोनों ‘युवराजों’ को सबक सिखाएगी।
रेवंत रेड्डी पर भी हुआ हमला
इससे पहले डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के बिहार आगमन को लेकर तेजस्वी पर हमला बोला था। उन्होंने कहा, “जंगलराज के युवराज तेजस्वी यादव बिहार की अस्मिता पर हमला करने वाले नेताओं को मंच दे रहे हैं। रेवंत रेड्डी ने बिहार के डीएनए पर सवाल उठाए थे और प्रियंका गांधी ने मंच पर तालियां बजाकर बिहारियों का मजाक उड़ाया था।”
विपक्षी एकजुटता पर एनडीए का तीखा रुख
एनडीए नेताओं का कहना है कि विपक्षी दल बिहार के सम्मान को आघात पहुंचाने वाले नेताओं को बुलाकर राजनीतिक रैलियां कर रहे हैं। वहीं, विपक्ष का दावा है कि यह यात्रा लोकतंत्र की रक्षा और मताधिकार सुनिश्चित करने की लड़ाई है। स्टालिन के शामिल होने से यात्रा को दक्षिण भारत का भी समर्थन मिला है, लेकिन इसके साथ ही बिहार की सियासत और ज्यादा गर्म हो गई है।





