छत्तीसगढ़ में साइबर अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। पिछले डेढ़ साल में राज्य में कुल 1,301 साइबर अपराध के मामले दर्ज किए गए हैं। इसमें 107.03 करोड़ रुपये लोगों के खर्च हुए हैं। यह जानकारी राज्य के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने विधानसभा में दी। उन्होंने बताया कि पुलिस अब तक 107 मामलों में 3.36 करोड़ रुपये की रिकवरी कर चुकी है।
यह जानकारी भाजपा विधायक सुनील सोनी के सवाल के जवाब में दी गई। प्रश्नकाल के दौरान सोनी ने जनवरी 2024 से जून 2025 के बीच दर्ज साइबर अपराध के मामलों और उनकी रोकथाम को लेकर किए जा रहे प्रयासों की जानकारी मांगी थी। उन्होंने कहा कि हजारों लोग साइबर ठगी के शिकार हो रहे हैं। कुछ पीड़ित आत्महत्या जैसे कदम तक उठा रहे हैं।
डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने क्या कहा?
विजय शर्मा ने कहा कि साइबर अपराध की रोकथाम के लिए राज्य सरकार बहुस्तरीय व्यवस्था पर काम कर रही है। उन्होंने बताया कि राज्य स्तर पर एक साइबर पुलिस थाना, पांच रेंज साइबर थाने और जिला स्तर पर साइबर प्रकोष्ठ बनाए गए हैं। कुछ जिलों में नए साइबर पुलिस थानों को मंजूरी भी दी गई है। उन्होंने बताया कि रायपुर स्थित पुलिस मुख्यालय में एक आधुनिक साइबर फॉरेंसिक लैब स्थापित की गई है। जो डिजिटल सबूतों के विश्लेषण में मदद करती है।
ट्रेनिंग और टेक्नोलॉजी में मजबूती
विजय शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार सी-डैक और सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी जैसे संस्थानों के माध्यम से डार्क वेब और क्रिप्टोकरेंसी जैसे जटिल विषयों पर पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण दे रही है। हाल ही में साइबर कमांडो योजना के तहत अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि साइबर ठगी में इस्तेमाल सिम कार्ड और IMEI नंबरों को ब्लॉक किया जा रहा है। ताकि अपराधियों की पहुंच रोकी जा सके।
जागरूकता और त्वरित कार्रवाई के उपाय
राज्य में जनजागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। साइबर क्राइम के पीड़ित 1930 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर तुरंत शिकायत दर्ज कर सकते हैं। यह हेल्पलाइन अब आधुनिक कॉल सेंटर में तब्दील की गई है। जिसमें ट्रेंड पुलिसकर्मी बैंकों और ई-वॉलेट कंपनियों से समन्वय कर संदिग्ध लेनदेन को रोकते हैं।
ऑनलाइन धोखाधड़ी की शिकायतें
एक अन्य सवाल के लिखित जवाब में उपमुख्यमंत्री ने बताया कि जनवरी 2023 से जून 2025 तक 67,389 लोगों ने राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) पर 791 करोड़ रुपये की ऑनलाइन धोखाधड़ी की शिकायतें दर्ज कराई हैं। इनमें से 21,195 मामलों का निपटारा किया जा चुका है। और 1,820 पीड़ितों को उनका पैसा वापस दिलाया गया है।





