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Thu, Dec 18, 2025

बोरे-बासी दिवस में 8 करोड़ खर्च, छत्तीसगढ़ सरकार कराएगी जांच, कांग्रेस शासनकाल का मामला

Written by:Saurabh Singh
Published:
बीजेपी विधायक राजेश मूणत ने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाया। उन्होंने पूछा कि बोरे-बासी कार्यक्रम में इतना बड़ा बजट कैसे खर्च हुआ।
बोरे-बासी दिवस में 8 करोड़ खर्च, छत्तीसगढ़ सरकार कराएगी जांच, कांग्रेस शासनकाल का मामला

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में आयोजित ‘बोरे-बासी दिवस’ अब जांच के घेरे में आ गया है। मौजूदा बीजेपी सरकार ने इस कार्यक्रम में हुए खर्च की जांच कराने का फैसला लिया है। जानकारी के मुताबिक, मजदूर दिवस यानी 1 मई 2023 को रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित इस कार्यक्रम में करीब 8 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। यह खर्च बिना टेंडर प्रक्रिया के किया गया, जिस पर सवाल उठने लगे हैं।

विधानसभा में उठा मामला

मॉनसून सत्र के अंतिम दिन बीजेपी विधायक राजेश मूणत ने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाया। उन्होंने पूछा कि बोरे-बासी कार्यक्रम में इतना बड़ा बजट कैसे खर्च हुआ। जवाब में श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन ने बताया कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुए इस आयोजन की जांच कराई जाएगी।

बिना टेंडर 8 करोड़ की बोर-बासी!

मंत्री के मुताबिक, बोरे-बासी कार्यक्रम के नाम पर खाना, पंडाल, कुर्सियां, गिफ्ट और व्यवस्थाओं पर भारी खर्च किया गया। राज्य सरकार ने बिना किसी निविदा प्रक्रिया के यह सारा आयोजन कराया। अब सरकार इसकी समिति बनाकर जांच कराएगी कि पैसा कहां और कैसे खर्च हुआ।

क्या है बोरे-बासी दिवस?

छत्तीसगढ़ में ‘बोरे-बासी’ राज्य की पारंपरिक ग्रामीण थाली है, जिसमें रात के बचे हुए चावल को पानी में भिगोकर अगली सुबह खाया जाता है। कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल में इसे पहचान दिलाने के लिए मजदूर दिवस पर ‘बोरे-बासी दिवस’ के रूप में मनाने की शुरुआत की थी। 1 मई 2023 को हुए कार्यक्रम में दावा किया गया था कि 50 हजार से ज्यादा श्रमिक शामिल हुए। तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इसमें हिस्सा लिया था।

कांग्रेस पर सरकार का निशाना

विधानसभा में मंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने सिर्फ दिखावे के लिए यह कार्यक्रम किया और जनता के पैसे की बर्बादी की। अब सरकार इसकी हर स्तर पर जांच कराएगी ताकि जनता के पैसे की हेराफेरी सामने लाई जा सके।