Wed, Dec 31, 2025

स्कूल क्या खुले, 262 छात्र आए कोरोना की चपेट में, 160 शिक्षक भी संक्रमित

Written by:Gaurav Sharma
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स्कूल क्या खुले, 262 छात्र आए कोरोना की चपेट में, 160 शिक्षक भी संक्रमित

आंध्र प्रदेश, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना वायरस (corona virus havoc) के कहर के चलते बंद किए गए स्कूलों(schools) को छात्रों(students) के भविष्य के मद्देनजर धीरे-धीरे करके खोला(reopen) जा रहा है। इसी कड़ी में आंध्र प्रदेश के स्कूलों को भी खोला गया, पर किसी को क्या पता था कि स्कूल खुलने के महज तीन दिनों में ही 262 छात्र (students) और करीब 160 शिक्षक(teachers) कोरोना संक्रमित(corona infected) हो जाएगे।

जी हां, आंध्र प्रदेश(Andhra Pradesh) में 2 नवंबर से 9वीं और 10वीं क्क्षा के छात्रों(students) के लिए स्कूलों को खोला(school reopen) गया था परंतु इस दौरान छात्र और शिक्षक  खुद का बचाव कोरोना से नहीं कर पाए और संक्रमित हो गए।

स्कूल शिक्षा विभाग के आयुक्त (commissioner of school education department) वी चिन्ना वीरभद्रु ने बताया कि जितने छात्रों ने स्कूलों में उपस्थिति(attendance) दर्ज कराई है उसकी तुलना में कोरोना से संक्रमित हुए छात्रों की संख्या का आंकड़ा चिंताजनक नहीं है, हालांकि प्रत्येक संस्था में कोविड​-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल का ध्यान रखा जाए इस बात को सुनिश्चित किया जा रहा है।

मीडिया से बात करते हुए अधिकारी ने बताया कि बीते दिन लगभग चार लाख छात्रों ने स्कूल अटेंड किया था। जिसमें से 262 छात्र कोरोना से संक्रमित पाए गए है, ये 0.1 प्रतिशत भी नहीं है। यह कहना भी सही नहीं होगा कि स्कूलों में उनकी उपस्थिति के कारण वो कोरोना संक्रमित हुए है। लेकिन हम सुनिश्चित करते हैं कि सभी स्कूल के प्रत्येक कमरे में केवल 15 या 16 छात्र ही बैठे।

आगे अधिकारी बताते है कि विभाग द्वारा प्रदान किए गए आंकड़ों के अनुसार, राज्य में कक्षा 9 और 10 के लिए 9 लाख 75 हजार छात्र पंजीकृत हैं, जिनमें से 3 लाख 93 हजार ने स्कूल अटेंड किया। वहीं 1 लाख 11 हजार शिक्षकों में से 99,000 हजार से अधिक शिक्षकों ने बुधवार को शैक्षणिक संस्थानों में उपस्थिति दर्ज कराई।

जिनमें से लगभग 160 शिक्षक कोरोना से संक्रमित पाए गए है। अधिकारी का कहना है कि छात्रों और शिक्षकों दोनों का जीवन हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं। अधिकारी ने कहा कि स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति लगभग 40 प्रतिशत थी। अभी भी अभिभावक कोरोना से डरे हुए है और बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे है।

अधिकारी वी चिन्ना वीरभद्रुडु ने कहा कि गरीब छात्र जो ऑनलाइन क्लास अटेंड नहीं कर सकते है वो स्कूल नहीं खोले जाने से सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। वहीं अगर स्कूल नहीं खोले गए और आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों में छात्राओं ने स्कूल जाना बंद कर दिया तो उनके माता-पिता उनका बाल विवाह करा देंगे।

बता दें कि कक्षा 9, 10 और इंटरमीडिएट के लिए 2 नवंबर से सभी सरकारी स्कूल और कॉलेज फिर से खुल गए है। कक्षा 9 और 10 और इंटरमीडिएट प्रथम और द्वितीय वर्ष केवल आधे दिन के लिए वैकल्पिक दिनों पर कार्य करेगा।

कक्षा 6, 7 और 8 की शुरुआत 23 नवंबर को होगी, जबकि कक्षा 1  से 5 की शुरुआत 14 दिसंबर से होगी, जो एक आधिकारिक बयान है। COVID-19 के संक्रमण को रोकने के लिए मार्च से राष्ट्रीय लॉकडाउन की घोषणा किए जाने के बाद से सभी शैक्षणिक संस्थान बंद थे।