Thu, Dec 25, 2025

डबरा: रेत माफियाओं के वर्चस्व की लड़ाई में अंधाधुंध फायरिंग, गोली लगने से दो युवक गंभीर घायल, डायल 112 के कांच भी फूटे

Reported by:Arun Rajak|Edited by:Ankita Chourdia
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डबरा के पिछोर थाना क्षेत्र में रेत के अवैध कारोबार को लेकर दो गुटों के बीच खूनी संघर्ष हुआ, जिसमें आधा दर्जन आरोपियों ने फायरिंग की। गोली लगने से दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें ग्वालियर रेफर किया गया है। घटना में डायल 112 वाहन के शीशे टूटने की भी खबर है।
डबरा: रेत माफियाओं के वर्चस्व की लड़ाई में अंधाधुंध फायरिंग, गोली लगने से दो युवक गंभीर घायल, डायल 112 के कांच भी फूटे

डबरा के पिछोर थाना क्षेत्र में रेत माफियाओं के बीच वर्चस्व की लड़ाई एक बार फिर हिंसक हो गई। रेत के अवैध कारोबार और आपसी रंजिश के चलते दो गुटों में खूनी संघर्ष छिड़ गया। इस दौरान हुई अंधाधुंध फायरिंग में दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। घायलों की पहचान हरेंद्र राणा और मनजीत सिंह के रूप में हुई है।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, विवाद की शुरुआत दोनों गुटों के बीच कहासुनी से हुई थी। देखते ही देखते झगड़ा इतना बढ़ गया कि हथियारों का इस्तेमाल शुरू हो गया। बताया जा रहा है कि करीब आधा दर्जन आरोपियों ने खुलेआम फायरिंग की घटना को अंजाम दिया। गोलियों की आवाज से पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई और लोग दहशत में आ गए।

डायल 112 वाहन को भी नुकसान

स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, फायरिंग की इस घटना में पुलिस का डायल 112 वाहन भी सुरक्षित नहीं रहा। गोलीबारी के दौरान वाहन के शीशे टूट गए हैं, जो कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े करता है। घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोगों की मदद से दोनों घायलों को डबरा सिविल अस्पताल ले जाया गया। वहां प्राथमिक उपचार के बाद उनकी हालत नाजुक देखते हुए चिकित्सकों ने उन्हें ग्वालियर रेफर कर दिया है।

पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल

इस गंभीर घटना के बाद पिछोर पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि क्षेत्र में लंबे समय से रेत माफिया सक्रिय हैं और उनका आतंक बना हुआ है। लोगों का कहना है कि पुलिस द्वारा समय रहते सख्त कार्रवाई न करने और प्रभावी निगरानी के अभाव में माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। यदि पुलिस पहले से सतर्क रहती, तो शायद यह जानलेवा संघर्ष टाला जा सकता था।

फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन घटना के बाद से क्षेत्र में तनाव और डर का माहौल है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि रेत माफियाओं पर नकेल कसी जाए, अवैध उत्खनन पर तत्काल रोक लगे और लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों की जवाबदेही तय की जाए।