Tue, Dec 30, 2025

डबरा में श्मशान भूमि पर दबंगों का अवैध कब्जा, प्रशासन की मौन नीति से बढ़ी ग्रामीणों की नाराजगी

Reported by:Arun Rajak|Edited by:Bhawna Choubey
Published:
डबरा के वार्ड 29 में श्मशान भूमि पर दबंगों ने अवैध कॉलोनी काटी, स्थानीय लोगों ने तहसीलदार को दिया ज्ञापन। प्रशासन की मौन नीति और कार्रवाई में देरी ने ग्रामीणों में नाराजगी बढ़ा दी, कानून और सामाजिक मूल्यों पर भी सवाल खड़े।
डबरा में श्मशान भूमि पर दबंगों का अवैध कब्जा, प्रशासन की मौन नीति से बढ़ी ग्रामीणों की नाराजगी

डबरा तहसील के ग्राम सिरोही (वार्ड 29) में स्थानीय लोगों की नाराजगी बढ़ती जा रही है। श्मशान भूमि पर दबंगों द्वारा अवैध कॉलोनी काटे जाने के आरोप ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। करीब एक सैकड़ा वार्ड वासियों ने तहसीलदार डबरा के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज कराई और ज्ञापन प्रस्तुत किया।

ग्रामीणों का आरोप है कि यह जमीन पहले ग्राम पंचायत के अंतर्गत थी। पंचायत द्वारा कुछ साल पहले इस भूमि पर बाउंड्री वॉल बनाई गई थी। लेकिन अब कुछ दबंग लोग इस बाउंड्री वॉल को तोड़कर अवैध कॉलोनी निर्माण में जुट गए हैं। जब ग्रामीण इसे रोकने का प्रयास करते हैं तो उन्हें धमकियां दी जा रही हैं। इस घटना का वीडियो भी स्थानीय लोगों ने सोशल मीडिया पर साझा किया है।

श्मशान भूमि पर कब्जा

वार्ड के ग्रामीणों का कहना है कि नगर पालिका द्वारा बाउंड्री वॉल बनाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन अवैध कॉलोनी के लोग इस कार्य में बाधा डाल रहे हैं। स्थानीय पार्षद कमलेश बाथम और अन्य पार्षदों ने भी तहसीलदार को शिकायती आवेदन दिया, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। स्थानीय लोगों की शिकायत यह है कि प्रशासन लगातार मामले को टाल रहा है। अगर श्मशान जैसी संवेदनशील भूमि पर कब्जा नहीं रोका गया तो भविष्य में अन्य सार्वजनिक भूमि भी सुरक्षित नहीं रह पाएगी।

Dabra News

तहसीलदार का बयान और प्रशासन की भूमिका

डबरा तहसीलदार दिव्य दर्शन शर्मा का कहना है कि भूमि का सर्वे नंबर प्रस्तुत होने के बाद ही जांच की जाएगी। हालांकि, यह बयान ग्रामीणों के लिए संतोषजनक नहीं है। सवाल यह उठता है कि जिस भूमि पर खुलेआम अवैध कॉलोनी बनाई जा रही है, वहां प्रशासन की नजर अब तक क्यों नहीं पड़ी। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि प्रशासन समय रहते कदम नहीं उठाता है तो यह मामला केवल स्थानीय भूमि विवाद तक सीमित नहीं रहेगा। इसके पीछे सामाजिक और नैतिक मूल्यों की अनदेखी भी छिपी हुई है।

अवैध कॉलोनी और कानून का उल्लंघन

श्रद्धालु और ग्रामीण इस कदम को केवल अवैध कब्जा नहीं मानते, बल्कि इसे सामाजिक और नैतिक मूल्यों पर हमला मान रहे हैं। श्मशान भूमि जैसी सार्वजनिक जगह पर कब्जा होना सिर्फ कानून का उल्लंघन नहीं है, बल्कि शहर की सुरक्षा और सार्वजनिक हितों के लिए भी खतरा पैदा करता है। इस मामले में यह भी सवाल उठता है कि अवैध कॉलोनी निर्माण किसके संरक्षण में हो रहा है। स्थानीय लोग डर और भय के बावजूद विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि प्रशासन को केवल कागजी कार्यवाही तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि मौके पर जाकर कार्रवाई करनी चाहिए।

ग्रामीणों की चिंता और आगे की कार्रवाई

स्थानीय वार्ड वासियों ने तहसीलदार के समक्ष अपनी शिकायत में कहा कि अगर प्रशासन ने समय रहते कार्रवाई नहीं की तो वे जोर-शोर से आंदोलन करेंगे। उनका कहना है कि अवैध कॉलोनी माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई होने तक वे शांत नहीं रहेंगे। स्थानीय पार्षद और ग्रामवासियों ने यह भी बताया कि यह शिकायत पहली बार नहीं की जा रही है। पहले भी कई बार अधिकारियों को अवगत कराया गया, लेकिन हर बार कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।