हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ मानी जाने वाली 108 और 102 एंबुलेंस सेवाओं पर एक बार फिर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। एंबुलेंस सेवाओं से जुड़े कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर 25 दिसंबर की रात 8 बजे से 48 घंटे की हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है। यह हड़ताल 27 दिसंबर की रात 8 बजे तक जारी रहेगी। इस दौरान पूरे प्रदेश में आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा सकती हैं।
मंगलवार को शिमला में CITU (Centre of Indian Trade Unions) से संबद्ध एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन की प्रदेश स्तरीय बैठक हुई। इस बैठक में हड़ताल की रणनीति तैयार की गई और यह निर्णय लिया गया कि कर्मचारी न केवल काम बंद रखेंगे, बल्कि जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन भी करेंगे।
जिला मुख्यालयों पर होगा धरना-प्रदर्शन
CITU के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने जानकारी दी कि 26 और 27 दिसंबर को सभी जिला मुख्यालयों पर 108 और 102 एंबुलेंस सेवाओं से जुड़े कर्मचारी धरना-प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि कर्मचारी लंबे समय से सरकार और संबंधित एजेंसियों के सामने अपनी मांगें रख रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई न होने के कारण उन्हें हड़ताल जैसा कड़ा कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
वर्तमान में प्रदेश भर में करीब 293 एंबुलेंस संचालित हैं। इन गाड़ियों के संचालन और तकनीकी कार्यों के लिए लगभग 1300 चालक और तकनीकी कर्मचारी तैनात हैं। यदि ये कर्मचारी सामूहिक रूप से हड़ताल पर जाते हैं, तो पहाड़ी राज्य में मरीजों को अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था पूरी तरह ठप हो सकती है।
NHM ने लगाया ESMA, प्रशासन सख्त
हड़ताल की घोषणा के साथ ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) ने भी सख्त रुख अपना लिया है। NHM प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से एंबुलेंस सेवाओं को आवश्यक सेवा घोषित करते हुए एस्मा (Essential Services Maintenance Act) लागू कर दिया है। इसके तहत सभी जिला उपायुक्तों (DC) और पुलिस अधीक्षकों (SP) को निर्देश दिए गए हैं कि वे सुनिश्चित करें कि एंबुलेंस सेवाओं में किसी तरह की बाधा उत्पन्न न हो।
वहीं, इन सेवाओं का संचालन कर रही निजी कंपनी मेड्सवान फाउंडेशन ने भी 20 दिसंबर को एक आदेश जारी कर दिया है। कंपनी ने स्पष्ट किया है कि 25 से 27 दिसंबर तक सभी कर्मचारियों की ड्यूटी अनिवार्य रहेगी। यदि कोई कर्मचारी बिना अनुमति के अनुपस्थित पाया गया, तो उसे अनुपस्थित मानते हुए वेतन कटौती की कार्रवाई की जाएगी। अब देखना होगा कि हड़ताल और एस्मा के बीच के इस टकराव में मरीजों को कितनी राहत मिल पाती है।





