हिमाचल प्रदेश विधानसभा में राज्य की वित्तीय स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के बीच तीखी नोकझोंक हुई। मामला उस समय तूल पकड़ गया जब मुख्यमंत्री ने संसाधन जुटाने और राज्य की आर्थिक स्थिति पर चर्चा की। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली भाजपा सरकार ने जाते-जाते ताबड़तोड़ घोषणाएं कर राज्य पर 5000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ डाल दिया। सीएम ने कहा कि भाजपा ने स्कूल और अस्पताल बिना आवश्यकता के खोले और होटल मालिकों को बिजली सब्सिडी दे दी।
सुक्खू-जयराम आमने-सामने
इस पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर भड़क गए और कहा कि मौजूदा आर्थिक संकट भाजपा की वजह से नहीं बल्कि कांग्रेस सरकार की गलत नीतियों का नतीजा है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले ही जीएसटी मुआवजे को पांच साल तक रोकने का निर्णय काउंसिल की बैठक में हो चुका था, जो सभी राज्यों पर लागू है। जयराम ने कांग्रेस पर जनता को झूठी गारंटियां देने और अब उन्हें पूरा न कर पाने का आरोप लगाया।
मुख्यमंत्री ने पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा ने सत्ता में रहते हुए जनता की संपदा को लुटा दिया और राज्य की अर्थव्यवस्था को कमजोर कर दिया। उन्होंने साफ कहा कि केंद्र से पैसा न मिलने के बावजूद मौजूदा सरकार अपने संसाधन खुद तलाश कर रही है और प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही है। सुक्खू ने कहा कि भाजपा बोझ छोड़कर गई है लेकिन मौजूदा सरकार जनता का भरोसा बनाए रखेगी।
जब भाजपा विधायकों ने सरकार के दो साल बाद सत्ता से बाहर हो जाने की बात कही तो सीएम सुक्खू ने चुनौती देते हुए कहा कि सत्ता में आना-जाना राजनीति का हिस्सा है, यह 20-25 साल से चलता आ रहा है। सत्र के समापन पर मुख्यमंत्री ने एक बार फिर दोहराया कि हिमाचल भयंकर आपदा से गुजर रहा है और विपक्ष को चाहिए कि वह केंद्र से राज्य के लिए विशेष पैकेज लाने में सहयोग करे।





