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Tue, Dec 16, 2025

ये है दुनिया की सबसे बड़ी सोने की मूर्ति, जानिए क्यों 200 सालों तक इसे मिट्टी में दबाया? जानकर हो जाएंगे हैरान

Written by:Rishabh Namdev
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क्या आप जानते हैं कि दुनिया की सबसे बड़ी ठोस सोने की बुद्ध मूर्ति को गोल्डन बुद्ध के नाम से भी जाना जाता है और यह किस देश में स्थित है? चलिए आज हम आपको इसके बारे में बता रहे हैं। दरअसल, इसकी ऊंचाई करीब 3 मीटर है और इसका वजन लगभग 5500 किलोग्राम है। यह मूर्ति पूरी तरह से सोने की बनी हुई है।
ये है दुनिया की सबसे बड़ी सोने की मूर्ति, जानिए क्यों 200 सालों तक इसे मिट्टी में दबाया? जानकर हो जाएंगे हैरान

दुनिया भर में बौद्ध धर्म को कई लोग मानते हैं। हर देश में इस धर्म के लोग फैले हुए हैं। दुनिया में ऐसे कई बड़े देश हैं जिनमें भगवान बुद्ध की मूर्तियां स्थापित हैं। दरअसल, भगवान बुद्ध को ईश्वर के रूप में पूजा जाता है। आज हम आपको एक ऐसी बुद्ध मूर्ति के बारे में बता रहे हैं, जिसके बारे में सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे। यह मूर्ति बेहद खास है क्योंकि यह कोई आम मूर्ति नहीं, बल्कि सोने से बनी हुई है। इस मूर्ति पर सोने की परत नहीं चढ़ाई गई है, बल्कि यह पूरी ठोस सोने से बनी है।

दरअसल, जिस मूर्ति की हम बात कर रहे हैं, उसे सैकड़ों सालों तक मिट्टी और प्लास्टर की परत के भीतर छुपाया गया था। इस मूर्ति की कहानी आपको भी हैरान कर देगी। इस मूर्ति ने इतिहास, कला और अध्यात्म का नजरिया बदल दिया है। दरअसल, यह मूर्ति थाईलैंड के बैंकॉक में स्थापित है, जिसे गोल्डन बुद्ध के नाम से जाना जाता है।

कितनी है मूर्ति में लगाए गए सोने की कीमत?

यह मूर्ति बैंकॉक के वाट ट्रैमिट में स्थापित है। मूर्ति की ऊंचाई लगभग 3 मीटर है, जबकि इसका वजन लगभग 5500 किलोग्राम है। जो भी इस मूर्ति को देखता है, वह हैरान रह जाता है क्योंकि यह ठोस सोने से बनी हुई है। इस मूर्ति को बनाने में 83% शुद्ध सोना इस्तेमाल हुआ है। दरअसल, शरीर के अलग-अलग हिस्सों में सोने की शुद्धता को अलग-अलग रखा गया है। मूर्ति में बुद्ध के शरीर का हिस्सा लगभग 40% शुद्ध सोने से बना है, वहीं बोल और छोटी में यह शुद्धता करीब 99% तक है। अगर आज के समय में इस मूर्ति में लगे सोने की कीमत लगाई जाए, तो यह लगभग 480 मिलियन डॉलर से भी ज्यादा होगी।

कहानी है बेहद दिलचस्प

यह मूर्ति देखने में जितनी खूबसूरत और विशाल है, उतनी ही इसकी कहानी भी दिलचस्प है। ऐसा माना जाता है कि इस मूर्ति को लगभग 200 सालों तक प्लास्टर और मिट्टी की परत में छुपाया गया था। इसका कारण इसकी ठोस सोने से बनी होने की विशेषता को छुपाना था। दरअसल, उस दौरान आक्रमणों में इसके चोरी होने का डर बना रहता था, जिसके चलते इसे प्लास्टर ऑफ पेरिस और रंगीन कांच की मोटी परत से ढक दिया गया था। बता दें कि यह गौतम बुद्ध की मूर्ति का डिजाइन भी बेहद खास है। इसमें बुद्ध भूमि स्पर्श मुद्रा में बैठे हुए हैं, जिसे ज्ञान, वासना और अज्ञान पर जीत का प्रतीक माना जाता है।