Tue, Dec 30, 2025

दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, कहा- जीवनसाथी का जानबूझकर संबंध बनाने से मना करना एक प्रकार की मानसिक क्रूरता

Written by:Ayushi Jain
Published:
दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, कहा- जीवनसाथी का जानबूझकर संबंध बनाने से मना करना एक प्रकार की मानसिक क्रूरता

Delhi High Court : दिल्ली हाई कोर्ट ने तलाक के एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि अपने साथी के साथ सेक्स करने से मना करना मानसिक क्रूरता है। अदालत ने कहा कि इसे मानसिक क्रूरता तब समझ जाएगा जब यह लंबे समय तक ऐसा जानबूझकर किया जा रहा हो। हाई कोर्ट में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी पर शारीरिक संबंध न बनाने देने और घर जमाई बनाने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए तलाक की याचिका दाखिल की थी। मामले पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि इसे मानसिक क्रूरता तब ही माना जाएगा जब ऐसा लंबे समय से हो रहा हो, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं है लिहाज़ा अदालत ने तलाक मांगने वाले व्यक्ति की याचिका को खारिज कर दिया।

जानें पूरा मामला

दिल्ली हाई कोर्ट में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी पर आरोप लगाते हुए एक याचिका दायर की थी, जिसमें पति का आरोप था की पत्नी उसके साथ नहीं रहना चाहती है। वह उसके साथ सेक्स करने से मना करती है और उसे घर जमाई बनना चाहती है। पति ने यह भी कहा था कि पत्नी को केवल कोचिंग सेंटर चलाने में दिलचस्पी है वह कोई ना कोई बहाना बनाकर उसके साथ शारीरिक संबंध स्थापित करने से मना कर देती है।

इस मामले पर पत्नी की अपील पर सुनवाई करते हुए जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस मनोज जैन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि शारीरिक संबंध से इनकार करना मानसिक क्रूरता होती है लेकिन ये तब जब लगातार, जानबूझकर और काफी समय तक किया जाए।

दिल्ली हाईकोर्ट की टिप्पणी

दिल्ली हाई कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि दंपत्ति के बीच मामूली मनमुटाव और भरोसे की कमी को मानसिक क्रूरता नहीं माना जा सकता है। हाईकोर्ट ने फैसला पत्नी पक्ष की अपील मंजूर करते हुए सुनाया। अपनी टिप्पणी में कोर्ट ने यह साफ तौर पर कहा है कि दंपत्ति की शादी विधिवत संपन्न हुई है और सिर्फ अस्पष्ट बयानों के आधार पर आरोप साबित नहीं किए जा सकते हैं।

वर्तमान में यह सिर्फ वैवाहिक संबंधों में मामूली टूट-फूट का मामला है और सबूतों से यह बात स्पष्ट है कि कलह सास और बहू के बीच है। कोर्ट ने यह बात मानी है कि पति अपनी पत्नी मानसिक क्रूरता के आरोप साबित करने में विफल साबित हुआ है।