केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की करीबी सहयोगी वीके ससिकला के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोप है कि ससिकला ने 2016 में डिमॉनेटाइजेशन के दौरान पुराने उच्च मूल्यवर्ग के नोटों में 450 करोड़ रुपये का भुगतान कर एक चीनी मिल, पद्मादेवी शुगर लिमिटेड खरीदी थी। सीबीआई ने यह मामला मद्रास उच्च न्यायालय के निर्देश पर दर्ज किया, जिसमें इंडियन ओवरसीज बैंक को 120 करोड़ रुपये का नुकसान होने का आरोप है।
सीबीआई के अनुसार, आयकर विभाग ने 2017 में ससिकला से संबंधित एक मामले में छापेमारी के दौरान दस्तावेज और कुछ कागजात जब्त किए थे। इन दस्तावेजों से पता चला कि डिमॉनेटाइजेशन के दौरान चीनी मिल की खरीद के लिए 450 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था। यह मिल कांचीपुरम में स्थित है और इसे पटेल समूह से खरीदा गया था। आयकर विभाग ने इसे बेनामी संपत्ति करार दिया, क्योंकि यह मिल और इसके शेयर ससिकला के लाभ के लिए पटेल समूह द्वारा रखे गए थे।
तमिलनाडु के छह स्थानों पर तलाशी
सीबीआई ने जुलाई में जांच शुरू की और 12 अगस्त को तमिलनाडु के छह स्थानों पर तलाशी ली, जिसमें तेनकासी, चेन्नई और तिरुचिरापल्ली शामिल हैं। जांच में कंपनी के निदेशकों, अधिकारियों, अप्पू होटल्स लिमिटेड और ओटियम वुड इंडस्ट्रीज के परिसरों की तलाशी ली गई, जहां संदिग्ध लेनदेन का पता चला। सीबीआई के अनुसार, कंपनी और उसकी सहयोगी इकाइयों पर बेनामी कंपनियों को धन हस्तांतरित करने और उधार ली गई राशि के अंतिम उपयोग को छिपाने का संदेह है।
संपत्ति का हुआ दुरुपयोग
आरोपों में इंडियन ओवरसीज बैंक से धोखाधड़ीपूर्ण तरीके से विभिन्न ऋण सुविधाएं लेना, संपत्ति का दुरुपयोग, बैंक के धन को बहन कंपनियों और असंबंधित इकाइयों में हस्तांतरित करना और निजी फर्मों को ब्याज-मुक्त अग्रिम देना शामिल है। इसके अलावा, डिमॉनेटाइजेशन के दौरान संदिग्ध स्रोतों से नकद जमा करने का भी आरोप है। ससिकला को इस एफआईआर में आरोपी के रूप में नामित नहीं किया गया है, लेकिन उनकी संलिप्तता की जांच जारी है।





