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Sat, Dec 20, 2025

दिल्ली की झुग्गियों को नहीं तोड़ा जाएगा, सीएम रेखा गुप्ता का बड़ा ऐलान

Written by:Vijay Choudhary
Published:
दिल्ली की झुग्गियों को नहीं तोड़ा जाएगा, सीएम रेखा गुप्ता का बड़ा ऐलान

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने राजधानी के लाखों झुग्गीवासियों को बड़ी राहत देते हुए साफ कर दिया है कि अब दिल्ली में कोई भी झुग्गी नहीं तोड़ी जाएगी। उन्होंने रेलवे, डीडीए और बाकी सभी सरकारी एजेंसियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि जब तक झुग्गी में रहने वाले लोगों को वैकल्पिक आवास नहीं दिया जाता, तब तक कोई कार्रवाई न की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जरूरत पड़ने पर झुग्गी नीति में बदलाव किया जाएगा, ताकि इन बस्तियों में रहने वाले लोग खुद को असुरक्षित महसूस न करें।

50 हजार फ्लैट होंगे झुग्गीवासियों को आवंटित

रेखा गुप्ता ने एलान किया कि दिल्ली के बाहरी इलाकों में जो करीब 50 हजार फ्लैट्स खाली और जर्जर हालत में पड़े हैं, उन्हें फिर से ठीक कर झुग्गीवासियों को दिया जाएगा। ये फ्लैट्स पहले जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन के तहत बनाए गए थे, लेकिन अब तक किसी उपयोग में नहीं लाए गए। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि पिछली सरकारों ने इन फ्लैट्स का इस्तेमाल नहीं किया, और झुग्गीवासियों को सिर्फ वोट बैंक की तरह देखा। इन इलाकों में न पानी दिया, न सड़कें बनाईं और न ही सीवर व नालियों की व्यवस्था की गई।

‘झुग्गीवासियों को मिलेगा सम्मान और अधिकार’

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार झुग्गीवासियों को सम्मान के साथ रहने का हक देगी। अब ये लोग भी खुद को गर्व से दिल्लीवासी कह सकेंगे। उन्होंने कहा कि अगर कोई एजेंसी झुग्गी हटाने की कोशिश करती है, तो सरकार कोर्ट तक भी जाएगी, लेकिन किसी को बेघर नहीं होने देगी। उन्होंने यह भी बताया कि फ्लैट्स की मरम्मत के लिए करीब 732 करोड़ रुपये की राशि केंद्र सरकार की सहमति से अब इस काम में लगाई जाएगी। इन मकानों को प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत गरीबों को दिया जाएगा।

दिल्ली की 675 झुग्गियों में लाखों लोग

दिल्ली में लगभग 675 झुग्गी क्लस्टर हैं, जहां लाखों लोग बिना साफ-सफाई, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं के रह रहे हैं। सीएम रेखा गुप्ता के इस फैसले से इन परिवारों को नई उम्मीद मिली है। उन्होंने कहा कि यह कदम सिर्फ झुग्गियों को बचाने के लिए नहीं, बल्कि इन लोगों को बराबरी का अधिकार और बेहतर जीवन देने के लिए है। सरकार का मकसद है कि गरीबों को उनका हक मिले और वे सम्मान से जी सकें।