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Sat, Dec 20, 2025

दिल्ली के 1500 से अधिक निगम स्कूलों की हालत जर्जर, कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने LG और मेयर को लिखा पत्र

Written by:Vijay Choudhary
Published:
दिल्ली के 1500 से अधिक निगम स्कूलों की हालत जर्जर, कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने LG और मेयर को लिखा पत्र

देवेंद्र यादव

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने उपराज्यपाल विनय सक्सेना और मेयर राजा इकबाल सिंह को पत्र लिखकर दिल्ली नगर निगम के 1500 से अधिक प्राथमिक स्कूलों की खस्ता हालत पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने स्पष्ट किया कि 30-50 साल पुराने इन स्कूल भवनों में पढ़ने वाले लगभग 7.8 लाख बच्चों की जान खतरे में है। देवेंद्र यादव के मुताबिक, दिल्ली के 1185 प्राथमिक स्कूलों में से 368 पूरी तरह जर्जर और खतरनाक स्थिति में हैं, जबकि शेष स्कूलों में भी पर्याप्त मरम्मत और रख-रखाव की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि यदि तत्काल कार्रवाई नहीं हुई, तो यह कभी भी बड़ा हादसा बन सकता है।

विभिन्न ज़ोन में खराब हालत

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि दिल्ली नगर निगम के 12 जोनों में से किसी भी स्कूल में भवन मरम्मत का कोई काम अब तक शुरू नहीं हुआ है, जबकि हर साल करोड़ों रुपये शिक्षा बजट में आवंटित किए जाते हैं।

जर्जर स्कूल भवनों का विवरण-

पहाड़गंज जोन: 75 स्कूलों में से 26 भवन जर्जर
करोल बाग जोन: 69 स्कूलों में से 23 जर्जर
केशवपुरम: 89 स्कूलों में से 35 जर्जर
शाहदरा साउथ: 127 में से 33 भवन जर्जर
साउथ जोन: 120 स्कूलों में से 59 बेहद खराब हालत में
वेस्ट जोन: 102 में से 31 स्कूल पूरी तरह खस्ताहाल

इस आंकड़े से साफ है कि दिल्ली के लगभग 30 प्रतिशत स्कूल बच्चों के पढ़ने लायक नहीं हैं, फिर भी उनका संचालन जारी है।

बारिश में गिरती दीवारें

देवेंद्र यादव ने अपने पत्र में बीते वर्षों में हुए हादसों का भी हवाला दिया कि 17 मई 2024 को मोतिया खान चौक के पास हरि मंदिर स्कूल की दीवार गिरने से 5 गाड़ियां क्षतिग्रस्त, 10 अगस्त 2024 को डिचांऊ में बारिश के चलते स्कूल की दीवार गिरने से दो लोग घायल, 12 अगस्त 2024 को अशोक नगर में स्कूल की दीवार गिरने से वाहन क्षतिग्रस्त, 23 सितंबर 2023 को दिलशाद गार्डन में दीवार गिरने से 11 वाहन क्षतिग्रस्त हुए थे। इन घटनाओं के बावजूद सरकार और प्रशासन की चुप्पी, जनता में असंतोष पैदा कर रही है। यादव का कहना है कि नगर निगम पीपलोदी (राजस्थान) जैसी त्रासदी का इंतजार कर रहा है, जहां स्कूल की छत गिरने से सात बच्चों की मौत हुई थी।

बजट है, फिर भी कार्रवाई क्यों नहीं?

देवेंद्र यादव ने सवाल उठाया कि जब निगम के पास 1693 करोड़ रुपये से अधिक का शिक्षा बजट है, जो पिछले साल से 48.2 करोड़ रुपये अधिक है , तो फिर अब तक किसी स्कूल की मरम्मत क्यों नहीं की गई? उन्होंने यह भी कहा कि नंद नगरी, मंगोलपुरी, गोकुलपुर, लामपुर, नरेला जैसे क्षेत्रों के स्कूलों की हालत मीडिया में उजागर हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई या स्पष्टीकरण नहीं आया है।

AAP और BJP दोनों जिम्मेदार

देवेंद्र यादव ने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली नगर निगम में 15 वर्षों तक भाजपा का शासन रहा और पिछले 3 सालों में AAP ने सत्ता संभाली, लेकिन दोनों ही दल स्कूलों के पुनरुद्धार और रखरखाव में नाकाम रहे हैं। उन्होंने एलजी और मेयर से अपील की कि जर्जर स्कूलों के पुनर्निर्माण और मरम्मत की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए, ताकि दिल्ली के लाखों गरीब बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। देवेंद्र यादव द्वारा उठाए गए सवाल और आंकड़े दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था की गंभीर खामियों को उजागर करते हैं। सवाल यह है कि क्या नगर निगम और सरकार अब भी इंतजार करेगी किसी बड़ी दुर्घटना का, या फिर समय रहते बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी?