दिल्ली सरकार ने 3 जुलाई 2025 को CAQM को पत्र लिखकर 15 साल पुराने पेट्रोल और 10 साल पुराने डीजल वाहनों पर फ्यूल बैन में राहत मांगी। 1 जुलाई से लागू बैन से 62 लाख गाड़ियां प्रभावित हुईं। ANPR कैमरों से निगरानी हो रही है, लेकिन जनता में गुस्सा है। सरकार अब वैकल्पिक उपायों पर विचार कर रही है।
1 जुलाई 2025 से दिल्ली में शुरू हुए फ्यूल बैन ने 62 लाख पुराने वाहनों को प्रभावित किया, जिनमें 41 लाख टू-व्हीलर्स और 18 लाख फोर-व्हीलर्स शामिल हैं। दिल्ली सरकार ने CAQM से राहत मांगी, क्योंकि कई अच्छी स्थिति वाली गाड़ियां भी बैन का शिकार हो रही हैं। उदाहरण के लिए, दिल्ली के अंकित जैसे टैक्सी ड्राइवर, जिनकी गाड़ी का PUC सर्टिफिकेट वैलिड है, को फ्यूल नहीं मिल रहा। सरकार अब PUC-आधारित छूट और इलेक्ट्रिक बसों जैसे उपायों पर विचार कर रही है।
जनता के हित में सरकार ने निर्देश पर रोक लगाने की करी मांग
1 जुलाई 2025 से लागू फ्यूल बैन 2014 के NGT और 2018 के सुप्रीम कोर्ट आदेशों पर आधारित था, जिसका मकसद दिल्ली में वायु प्रदूषण कम करना था। 498 पेट्रोल पंपों पर ANPR कैमरे लगाए गए, लेकिन इनकी खामियां, जैसे सेंसर का काम न करना और स्पीकर की मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट्स, सामने आईं। उदाहरण के लिए, दिल्ली के अंकित की 15 साल पुरानी स्कूटी को गलती से EoL मान लिया गया, जबकि उसका PUC सर्टिफिकेट वैलिड था। पहले दिन 80 गाड़ियां जब्त हुईं और 98 को नोटिस मिले। जनता की शिकायतों, खासकर मध्यम वर्ग और गिग वर्कर्स की परेशानी को देखते हुए, सरकार ने 3 जुलाई को CAQM से राहत मांगी और बैन पर यू-टर्न लिया।
#WATCH दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को पत्र लिखकर दिल्ली में एंड-ऑफ-लाइफ (ईओएल) वाहनों को ईंधन न देने के निर्देश पर रोक लगाने को कहा है।
उन्होंने कहा, “हमने उन्हें जानकारी दी है कि जो ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (एएनपीआर) कैमरे… pic.twitter.com/PcnBCt5bd3
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 3, 2025
वायु प्रदूषण से निपटने के अन्य उपाय
दिल्ली में वायु प्रदूषण सिर्फ वाहनों से नहीं, बल्कि कंस्ट्रक्शन डस्ट, इंडस्ट्रियल उत्सर्जन, और पड़ोसी राज्यों में फसल जलाने से भी बढ़ता है। सरकार अब इलेक्ट्रिक बसों पर जोर दे रही है। दिसंबर 2025 तक 90% CNG बसों को इलेक्ट्रिक से रिप्लेस करने का प्लान है। उदाहरण के लिए, 2026 तक 11,000 बसों में 8,000 इलेक्ट्रिक होंगी। इसके अलावा, क्लाउड सीडिंग के लिए DGCA से मंजूरी मिली है, जो प्रदूषण कम करने के लिए बारिश बढ़ाएगी। हाई-राइज बिल्डिंग्स और होटल्स में एंटी-स्मॉग गन्स लगाना अनिवार्य किया गया है। ये कदम दिल्ली के AQI को ‘संतोषजनक’ (85) स्तर पर लाने में मदद करेंगे।





