Sat, Dec 27, 2025

बढ़ सकती है रिटायरमेंट की उम्र, सरकार जल्द ले सकती है बड़ा फैसला, इन्हें मिलेगा लाभ, जानें अपडेट

Written by:Pooja Khodani
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बढ़ सकती है रिटायरमेंट की उम्र, सरकार जल्द ले सकती है बड़ा फैसला, इन्हें मिलेगा लाभ, जानें अपडेट

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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। नए साल से पहले सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों को अच्छी खबर सुनने को मिल सकती है। बार काउंसिल के पत्र के बाद संभावना जताई जा रही है कि संसद के शीतकालीन सत्र से पहले जजों की रिटायरमेंट की उम्र 2-2 साल बढ़ाई जा सकती है।केन्द्र सरकार इस मामले में संसद में अध्यादेश लेकर आ सकती है और फिर इस पर फैसला लिया जा सकता है। हालांकि अभी तक सरकार की तरफ से कोई पुष्टि या अधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

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दरअसल, अभी कर्मचारी 60-62 और 65 वर्ष की उम्र में रिटायर होते हैं। हाई कोर्ट के जज 62 साल और सुप्रीम कोर्ट के जज 65 साल की उम्र में सेवानिवृत्त होते हैं। मीडिया रिपोट्स् के अनुसार, केन्द्र सरकार संसद के शीतकालीन सत्र से पहले हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने पर कोई फैसला ले सकती है। इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 124 (2) और 217 (1) में संशोधन किया जा सकता है। अगर फैसला हुआ तो जजों की सेवानिवृत्ति उम्र में दो-दो साल का विस्तार हो सकता है।

अगर फैसला होता है तो इसका लाभ सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा चीफ जस्टिस यू यू ललित को मिल सकता है, क्योंकि उनका मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यकाल 8 नवंबर तक है, अगर रिटायरमेंट एज में वृद्धि हुई तो कार्यकाल बढ़कर 8 नवंबर 2024 तक हो सकता है। हाल ही में इस संबंध में बार काउंसिल भी सरकार को एक पत्र लिखा है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाकर क्रमश: 65 और 67 वर्ष करने के लिए संविधान में संशोधन की मांग का प्रस्ताव  भी पास किया है। बीते दिनों रिटायर हुए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना और अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने भी आयु सीमा बढ़ाने की बात कहीं थी।

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बता दे कि अबतक देश में जजों के रिटायरमेंट की आयुसीमा को लेकर सिर्फ एक बार ही संशोधन किया गया है। 1963 में अनुच्छेद 217 (1) में 114वां संविधान संशोधन किया गया था, जिसमें हाई कोर्ट के जजों की सेवानिवृत्ति की आयुसीमा 60 से बढ़ाकर 62 की गई थी। इसके बाद 2010 में हाई कोर्ट जजों की रिटायरमेंट की उम्र सीमा 65 वर्ष करने के लिए फिर अनुच्छेद 267 (1) में संशोधन बिल लाया गया था लेकिन लोकसभा का सत्र खत्म होने की वजह से वह रद्द हो गया था।।2002 में संविधान समीक्षा के लिए बने जस्टिस आयोग ने भी अपनी रिपोर्ट में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों की रिटायरमेंट उम्र में तीन साल की वृद्धि करने की सिफारिश की थी।