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Mon, Dec 22, 2025

भारत का सबसे ईमानदार गांव, जहां आज तक नहीं हुई चोरी! भरोसे पर चलता है सबकुछ

Written by:Sanjucta Pandit
Published:
इस गांव का इतिहास 700 साल पुराना है। यहां अंगामी जनजाति के लोग रहते हैं, जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता में अहम योगदान दिया है। अपने गांव को बचाने के लिए ये लोग खुद से ही कई सारे नियम बनाए हैं।
भारत का सबसे ईमानदार गांव, जहां आज तक नहीं हुई चोरी! भरोसे पर चलता है सबकुछ

भारत का हर एक शहर और गांव अलग-अलग खासियत के लिए पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध है। यहां का रहन-सहन, खान-पान, पहनावा-उढ़ावा सब कुछ इसे बाकी राज्यों से अलग बनाता है। लोग यहां घूमने के साथ-साथ इतिहास को करीब से जानने के लिए जाते हैं। इसके अलावा, उस शहर के प्रसिद्ध व्यंजन को भी सकते हैं। भारतीय व्यंजन का गुणगान पूरी दुनिया भर में है। खाने पीने के शौकीन अक्सर इन शहरों में केवल पारंपरिक भोजन को चखने के लिए आते हैं। इन दिनों लोगों के बीच गांव एक्सप्लोर करने का क्रेज बढ़ रहा है। बता दें कि यहां लगभग 70% आबादी गांव में रहती है। कृषि, बागवानी, पशुपालन आदि पर निर्भर यहां के स्थानीय लोग इसी से अपना भरण पोषण करते हैं।

यहां आपको संस्कृति, इतिहास और परंपरा का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। विश्व में जनसंख्या के मामले में पहले स्थान पर आने वाला हमारा देश हर मामले में आगे है। साल 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में करीब 6 लाख 28,221 से अधिक गांव है।

भारत का पहला ग्रीन विलेज

आज हम आपको देश के उस गांव के बारे में बताएंगे, जो कि अपने आप में बहुत ही अनोखा और अलग है। यह भारत का पहला ग्रीन विलेज है। यहां जाने के बाद आपको वापस अपने शहर लौटने का मन नहीं करेगा। यहां के लोग बहुत ही ज्यादा घुलनशील हैं। यह गांव पूरी तरह से भरोसे पर चलता है। यहां के लोग एक-दूसरे का बहुत ही ज्यादा सपोर्ट करते हैं। यहां की हरियाली, पहाड़ की वादियां, सड़क, गली-मोहल्ले सब कुछ बहुत आकर्षक है। यहां सभी लोग शांतिपूर्ण तरीके से अपना जीवनयापन करते हैं।

खोनोमा गांव (Khonoma Village)

दरअसल, इस गांव का नाम खोनोमा है, जो कि नागालैंड में स्थित है। यह भारत ही नहीं, पूरे विश्व का पहला हरित गांव है। यहां के लोग एक-दूसरे पर इतना अधिक विश्वास करते हैं कि यहां की पूरी व्यवस्था भरोसे पर चलती है। यहां आपको शॉप पर एक भी दुकानदार देखने को नहीं मिलेगा। आपको जो भी सामान चाहिए, वह आप बॉक्स में पैसे डालकर खरीद सकते हैं। यहां पर जंगल नहीं काटे जाते और न ही यहां किसी प्रकार की कोई हंटिंग होती है। यहां पर ऑर्गेनिक फार्मिंग की जाती है।

भारत का सबसे ईमानदार गांव

यह भारत का सबसे ईमानदार गांव भी माना जाता है। यहां लोग न तो अपने घरों में ताले लगाते हैं। यहां आज तक किसी के भी घर में चोरी नहीं हुई। साल 2011 की जनगणना के मुताबिक, गांव में कुल 424 परिवार रहते हैं, जो बहादुरी और मार्शल आर्ट के लिए जाने जाते हैं। पहले इस गांव में शिकार किया जाता था, लेकिन साल 1998 में लोगों ने खुद ही इस पर प्रतिबंध लगा दिया, जिसे सभी लोग मानते हैं। बता दें कि खोनोमा गांव का नाम ख्वूनो के नाम पर रखा गया है, जो एक छोटा पौधा है जो गांव के आसपास बहुतायत में उगता है।

700 साल पुराना है इतिहास

इस गांव का इतिहास 700 साल पुराना है। यहां अंगामी जनजाति के लोग रहते हैं, जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता में अहम योगदान दिया है। अपने गांव को बचाने के लिए ये लोग खुद से ही कई सारे नियम बनाए हैं, जिसे आज भी ग्रामीणों द्वारा माना जाता है। यहां जंगल के पेड़ नहीं काटे जाते और न ही शिकार किया जाता है। यदि किसी को कुछ बनवाना है, तो वह सिर्फ पेड़ों की टहनियां काट लेते हैं। यह गांव भारत के बाकी अन्य गांवों के लिए एक मिसाल बन चुका है। यदि आपको कभी मौका मिले, तो आप भी भारत के सबसे ईमानदार गांव को जरूर एक्सप्लोर करें।