केंद्र सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने मंगलवार को साफ कर दिया कि समोसा, जलेबी और लड्डू जैसे खाद्य उत्पादों पर चेतावनी लेबल लगाने के लिए कोई निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि केवल एक सलाह जारी की गई है जिसमें कार्यस्थलों जैसे लॉबी, कैंटीन, कैफेटेरिया और मीटिंग रूम में जागरूकता बोर्ड लगाने की बात कही गई है। इन बोर्डों का उद्देश्य विभिन्न खाद्य पदार्थों में छिपी चर्बी और अत्यधिक चीनी के हानिकारक प्रभावों के बारे में लोगों को जागरूक करना है।
मंत्रालय ने समाचार एजेंसी एएनआई के माध्यम से साझा किए गए अपने बयान में कहा कि खाद्य उत्पादों पर चेतावनी लेबल लगाने की खबरें भ्रामक, गलत और निराधार हैं। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यह सलाह कार्यस्थलों पर स्वस्थ खानपान को बढ़ावा देने की दिशा में एक पहल है। इस तरह के बोर्ड मोटापे से लड़ने के लिए लोगों को जागरूक करने का काम करेंगे जो देश में तेजी से बढ़ रही एक गंभीर समस्या है।
स्वास्थ्य के लिए हानिकारक
समोसा और जलेबी जैसे तले हुए और मीठे खाद्य पदार्थों का अत्यधिक सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। समोसा आमतौर पर तेल में तला जाता है। जलेबी चीनी की चाशनी में डूबी होती है। इनमें उच्च मात्रा में कैलोरी, ट्रांस फैट और चीनी होती है। इनका नियमित और अधिक मात्रा में सेवन मोटापा, मधुमेह और हृदय रोगों का खतरा बढ़ा सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि संतुलित आहार और सीमित मात्रा में इनका सेवन स्वास्थ्य जोखिमों को कम करने में मदद कर सकता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की क्या सलाह
स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी सलाह में कार्यस्थलों पर स्वस्थ विकल्पों को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया है। यह कदम न केवल लोगों को जागरूक करने के लिए है बल्कि स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करने के लिए भी है। मंत्रालय ने मीडिया और जनता से आग्रह किया है कि वे भ्रामक खबरों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक बयानों पर भरोसा करें।





