दिल्ली में यमुना नदी की सफाई को लेकर सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। दिल्ली जल बोर्ड ने 917 करोड़ रुपये की लागत वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। इस फैसले से न केवल यमुना में गंदा पानी गिरने में कमी आएगी, बल्कि नदी का पानी भी पहले से ज्यादा साफ और स्वच्छ हो सकेगा।
वहीं, नदी की निगरानी और सुरक्षा के लिए दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार से टेरिटोरियल आर्मी तैनात करने का अनुरोध किया है। जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने खुद इसकी जानकारी दी और जनता से यमुना को गंदा न करने की अपील की।
सीवेज प्लांट से बढ़ेगी गंदे पानी की सफाई क्षमता
दिल्ली जल बोर्ड द्वारा मंजूर किए गए 917 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट से राजधानी के सीवेज ट्रीटमेंट सिस्टम को काफी मजबूती मिलेगी। इससे गंदे पानी की सफाई की क्षमता 51.5 MGD (मिलियन गैलन प्रतिदिन) बढ़ाई जाएगी।
प्रमुख बदलाव इस प्रकार होंगे:
- यमुना विहार प्लांट: पुरानी क्षमता 25 MGD थी, अब इसे बढ़ाकर 40 MGD किया जाएगा। इसके साथ ही वहां एक नया 15 MGD प्लांट भी बनाया जाएगा।
- केशोपुर प्लांट: मौजूदा क्षमता 12 MGD से बढ़ाकर 18 MGD की जाएगी।
- दक्षिण दिल्ली के 5 STP की भी क्षमता में इज़ाफा होगा।
- सभी प्रोजेक्ट्स में 11 से 12 साल तक संचालन और रख-रखाव का प्रावधान भी किया गया है, ताकि ये लंबे समय तक सही ढंग से काम करते रहें।
यमुना की निगरानी के लिए टेरिटोरियल आर्मी की तैनाती का प्रस्ताव
जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने बताया कि दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें यमुना नदी के किनारे टेरिटोरियल आर्मी तैनात करने की मांग की गई है। इस सेना की तैनाती का मकसद नदी के आसपास निगरानी बनाए रखना और सफाई अभियान को मजबूत करना है।
मंत्री ने कहा कि कई बार लोग पूजा-पाठ के लिए यमुना किनारे आते हैं और उसके बाद प्लास्टिक, थैलियां व अन्य कचरा नदी में फेंक देते हैं। ऐसे मामलों को रोकने के लिए निगरानी बहुत जरूरी है। अप्रैल 2025 में इस प्रस्ताव पर पहली बार चर्चा हुई थी, और अब इसे औपचारिक रूप से केंद्र को भेज दिया गया है।
जनता से सहयोग की अपील, जागरूकता बढ़ाने पर जोर
आईटीओ के पास यमुना घाट पर ‘दिल्ली को कूड़े से आज़ादी’ अभियान में हिस्सा लेते हुए जल मंत्री ने लोगों से साफ-सफाई में सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा, “यमुना को साफ रखना सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है। कृपया कचरा तय स्थानों पर ही फेंके।”
सरकार अब साफ-सफाई को लेकर जागरूकता अभियान भी चला रही है, ताकि लोगों में नदी की स्वच्छता के प्रति जिम्मेदारी बढ़े। स्कूल, कॉलेज और सामाजिक संगठनों को भी इस अभियान में शामिल किया जाएगा।





