पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को राजस्थान विधानसभा ने उनके पूर्व विधायक पद के आधार पर पेंशन मंजूर कर दी है। विधानसभा सचिवालय ने उनके आवेदन की औपचारिकताएं पूरी कर पेंशन जारी करने का आदेश दिया। अब उन्हें हर महीने पूर्व विधायक के तौर पर लगभग 42 हजार रुपये पेंशन और अन्य सुविधाएं मिलेंगी।
धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया था। इससे पहले वे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे थे और इस दौरान उनकी पूर्व विधायक पेंशन बंद हो गई थी। उपराष्ट्रपति पद से मुक्त होने के बाद यह सुविधा पुनः बहाल की गई है।
राज्यपाल नियुक्ति के दौरान पेंशन बंद
धनखड़ 1993 से 1998 तक किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक रहे। इसके बाद जुलाई 2019 में उन्हें पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया। राज्यपाल बनने के कारण उनकी पूर्व विधायक पेंशन बंद हो गई थी। उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद यह सुविधा पुनः बहाल कर दी गई।
राजनीतिक यात्रा और अनुभव
जगदीप धनखड़ ने 1979 में राजस्थान बार काउंसिल में पंजीकरण कर वकालत शुरू की। 1990 में राजस्थान हाईकोर्ट ने उन्हें वरिष्ठ अधिवक्ता नियुक्त किया। राजनीति में प्रवेश 1989 में झुंझुनू लोकसभा सीट से जनता दल के टिकट पर हुआ, जिसमें उन्होंने कांग्रेस के मोहम्मद अयूब खान को हराया। 1990 में प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के कार्यकाल में उन्हें संसदीय कार्य राज्य मंत्री बनाया गया।
विधानसभा और लोकसभा चुनाव जीत
1993 में धनखड़ कांग्रेस के टिकट पर किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीते। उन्हें कुल 41,444 वोट मिले और बीजेपी के कैंडिडेट जगजीत सिंह को 39,486 वोटों से मात दी। लोकसभा चुनाव में 1989 में झुंझुनू सीट से उन्होंने 4,21,686 वोट हासिल किए। उनके समर्पित राजनीतिक करियर में विधायक और सांसद दोनों पदों का अनुभव शामिल है।
उपराष्ट्रपति और वर्तमान स्थिति
16 जुलाई 2022 को धनखड़ को एनडीए का उपराष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित किया गया और 6 अगस्त 2022 को उन्होंने उपराष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की। उपराष्ट्रपति पद से मुक्त होने के बाद अब उन्हें राजस्थान विधानसभा की ओर से पूर्व विधायक पेंशन और संबंधित सुविधाएं मिलने लगी हैं।
धनखड़ की राजनीतिक यात्रा लंबी और विविध रही है, जिसमें उन्होंने विधायक, सांसद, राज्यपाल और उपराष्ट्रपति जैसे अहम पदों पर कार्य किया। पूर्व विधायक पेंशन बहाल होने से अब उन्हें सामाजिक और वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित हो गई है।





