Fri, Dec 26, 2025

Shani Chandra Yuti 2023: कुंभ राशि में हुआ चंद्र का प्रवेश, होगा विष योग का निर्माण, इन 3 राशियों के जातक रहें सतर्क

Written by:Sanjucta Pandit
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Shani Chandra Yuti 2023: कुंभ राशि में हुआ चंद्र का प्रवेश, होगा विष योग का निर्माण, इन 3 राशियों के जातक रहें सतर्क

Shani Chandra Yuti 2023 : ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के गोचर (Transits) का महत्व माना जाता है। जिसमें मान्यता है कि ग्रह अपनी नियमित मार्ग पर चलते हैं और जब वे एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो वे व्यक्ति के जीवन पर प्रभाव डालते हैं। दरअसल, चंद्र ग्रह (चंद्रमा) ज्योतिष शास्त्र में एक महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। चंद्रमा की चाल काफी तेज होती है और यह प्रत्येक महीने के लगभग दस दिनों में एक नई राशि में प्रवेश करता है। इसलिए, चंद्र ग्रह वास्तविकता में सबसे जल्दी राशि परिवर्तन करने वाला ग्रह माना जाता है।

इसी कड़ी में आज चंद्र सुबह 06:02 पर मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश कर चुके हैं और पूरे ढाई दिन तक इसी राशि में रहेंगे। ज्योतिष के अनुसार, शनि ग्रह भी कुंभ राशि में विराजमान है। कुंभ राशि में शनि और चंद्र की युति के कारण विष योग बन सकता है, जिसे अशुभ योग के रूप में जाना जाता है। इसलिए इन राशियों के जातकों को बहुत ही सतर्क रहने की जरुरत है। आइए जानें उन राशियों के बारे में विस्तार से…

कन्या राशि

कन्या राशि के जातकों के लिए विष योग के दौरान स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहना आवश्यक है। संतान के करियर के मामले में भी कुछ परेशानियां हो सकती हैं। शनि और चंद्र की युति के कारण आपको संगठनशीलता, कर्मठता और धैर्य के साथ काम करने की आवश्यकता है। आपको अपने लक्ष्यों के प्रति संग्रहशील रहकर काम करना पड़ेगा।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए भी विष योग के दौरान निजी और कार्य क्षेत्र में समस्याएं हो सकती हैं और परिवार में मतभेद होने के आसार हैं। इसके अलावा, बड़े नुकसान की संभावना भी है। जिसका सामना आप आपसी सहयोग, समझदारी और संवाद से कर सकते हैं। सतर्कता और धैर्य के साथ काम करें और सही निर्णय लेने के लिए समय लें ताकि किसी प्रकार की समस्या ना हो।

कुंभ राशि

कुंभ राशि के जातकों को शनि और चंद्र की युति से सतर्क रहने की जरुरत है। इस दौरान स्वास्थ्य के क्षेत्र में कुछ समस्याएं हो सकती हैं और कार्यस्थल पर भी सावधानी बरतने की जरूरत होती है। अहंकार के कारण भी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। साथ ही, व्यापार और नौकरी के क्षेत्र में भी इसका बुरा असर पड़ सकता है। इसके अलावा, सही निर्णय लेने के लिए सावधानी बरतें।

जानें कैसे होता है विष योग का निर्माण

विष योग ज्योतिष शास्त्र में एक अशुभ योग माना जाता है जो कि ग्रहों के अवशेष पदार्थों के मेल के आधार पर बनता है। विष योग का निर्माण तब होता है जब शनि और चंद्रमा की युति होती है और वे एक ही राशि में स्थित होते हैं। ज्योतिष में शनि को विष ग्रह माना जाता है और चंद्रमा को नीरज ग्रह माना जाता है। विष योग के कारण, इन ग्रहों के संयोग से एक नकारात्मक शक्ति पैदा होती है जो व्यक्ति के जीवन में समस्याएं और अवस्थाओं को प्रभावित कर सकती है।

बता दें कि जब चंद्रमा एक नई राशि में प्रवेश करता है, तो इसका प्रभाव व्यक्ति के भावनात्मक और मानसिक स्तर पर महसूस हो सकता है। चंद्रमा के गोचर का विशेष महत्व जन्म कुंडली में चंद्र राशि और नक्षत्र के संबंध में होता है क्योंकि इन परिवर्तनों से व्यक्ति की मानसिक स्थिति, भावनाएं, परिवार और रोमांचक संबंधों में परिवर्तन आ सकते हैं।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)