नया साल (New Year) आते ही देशभर के लोग बाबा महाकाल के दर्शन के लिए उज्जैन जाने की तैयारी करने लगते हैं। बहुत से श्रद्धालु मानते हैं कि नए साल की शुरुआत अगर भगवान महाकाल के दर्शन से हो जाए, तो पूरा साल अच्छा जाता है। नववर्ष 2026 पर भी उज्जैन में भारी भीड़ आने की उम्मीद है। सड़कों, गलियों और मंदिर परिसर में लाखों श्रद्धालु नजर आएंगे।
अगर आप भी नए साल पर बाबा महाकाल के दर्शन करने जा रहे हैं, तो यह जानना बहुत जरूरी है कि इस बार क्या बदलाव किए गए हैं, दर्शन कैसे होंगे, कौन-सी सुविधा मिलेगी और किन बातों का ध्यान रखना होगा। यह जानकारी आपको परेशानी से बचाएगी।
नववर्ष 2026 पर महाकाल दर्शन को लेकर प्रशासन सतर्क
नए साल पर उज्जैन में करीब 10 लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। इतनी बड़ी संख्या को देखते हुए मंदिर प्रशासन, जिला प्रशासन और पुलिस पूरी तरह तैयार हैं। इसके लिए एक खास बैठक भी की गई, जिसमें दर्शन व्यवस्था, सुरक्षा और ट्रैफिक को लेकर योजना बनाई गई।
प्रशासन का कहना है कि इस बार दर्शन को आसान, सुरक्षित और व्यवस्थित रखा जाएगा। भीड़ को संभालने के लिए अलग-अलग रास्ते तय किए गए हैं और ज्यादा कर्मचारी लगाए जाएंगे, ताकि श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत न हो।
नए साल पर बंद रहेगी 250 रुपये वाली शीघ्र दर्शन व्यवस्था
नववर्ष पर बाबा महाकाल के दर्शन करने वालों के लिए सबसे अहम जानकारी यह है कि 31 दिसंबर और 1 जनवरी को 250 रुपये वाली शीघ्र दर्शन व्यवस्था पूरी तरह बंद रहेगी। यह निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि वीआईपी या भुगतान आधारित दर्शन से अलग सामान्य श्रद्धालुओं को भी समान अवसर मिल सके और अव्यवस्था न फैले। मंदिर समिति के अनुसार, इन दो दिनों में केवल सामान्य दर्शन और पूर्व निर्धारित भस्म आरती व्यवस्था ही लागू रहेगी। श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे किसी भी प्रकार की अफवाह या दलालों के झांसे में न आएं।
कहां से कहां तक जाएंगे श्रद्धालु
नववर्ष 2026 पर दर्शन व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने के लिए चारधाम मंदिर पार्किंग से दर्शन प्रक्रिया शुरू होगी। यह रूट इस तरह तय किया गया है कि भीड़ नियंत्रित रहे और श्रद्धालुओं को लंबा इंतजार न करना पड़े। मुख्य दर्शन मार्ग इस प्रकार होगा चारधाम मंदिर पार्किंग से प्रवेश, शक्तिपथ होते हुए त्रिवेणी संग्रहालय, नंदी द्वार और महाकाल महालोक, मानसरोवर भवन, फैसिलिटी सेंटर, नवीन टनल, गणेश मंडपम हॉल, बाबा महाकाल के दर्शन दर्शन के बाद श्रद्धालुओं को बड़े गणेश मंदिर और हरसिद्धि मार्ग से बाहर निकाला जाएगा। इस पूरे रूट पर बैरिकेडिंग, स्वयंसेवक, पुलिस और सीसीटीवी की निगरानी रहेगी।
ज्यादा भीड़ पर लागू होगा डायवर्जन प्लान
अगर श्रद्धालुओं की संख्या अनुमान से अधिक होती है और मुख्य रूट पर दबाव बढ़ता है, तो प्रशासन ने वैकल्पिक डायवर्जन प्लान भी तैयार रखा है। इस स्थिति में श्रद्धालुओं को फैसिलिटी सेंटर से, सीधे कार्तिकेय मंडपम के माध्यम से दर्शन कराए जाएंगे और द्वार क्रमांक 10 व निर्माल्य द्वार से बाहर भेजा जाएगा। यह व्यवस्था इसलिए बनाई गई है ताकि किसी भी स्थिति में भगदड़, अव्यवस्था या सुरक्षा में चूक न हो।
भस्म आरती, लड्डू प्रसाद और पूछताछ केंद्र की व्यवस्था
नववर्ष के दौरान भस्म आरती को लेकर भी विशेष प्रबंधन किया गया है। केवल पूर्व पंजीकरण वाले श्रद्धालुओं को ही भस्म आरती में शामिल होने की अनुमति होगी। बिना अनुमति प्रवेश पर पूरी तरह रोक रहेगी। इसके अलावा लड्डू प्रसाद काउंटरों की संख्या बढ़ाई जाएगी, पूछताछ केंद्र 24 घंटे सक्रिय रहेंगे, श्रद्धालुओं को दिशा-निर्देश देने के लिए मददगार रहेंगे, प्रशासन का लक्ष्य है कि श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा न हो और उन्हें बार-बार पूछताछ न करनी पड़े।





