उज्जैन स्थित विश्वप्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में मंगलवार सुबह भक्तिभाव और आस्था का विशेष माहौल देखने को मिला। बॉलीवुड अभिनेत्री नुसरत भरूचा पुत्रदा एकादशी के शुभ अवसर पर बाबा महाकाल के दरबार पहुंचीं और अलसुबह होने वाली भस्म आरती में शामिल होकर भगवान शिव का आशीर्वाद लिया। नंदी हॉल में बैठकर उन्होंने पूरी श्रद्धा के साथ आरती दर्शन किए, जहां वे शिव भक्ति में लीन नजर आईं।
नुसरत भरूचा की यह महाकाल यात्रा इसलिए भी खास रही, क्योंकि यह उनका दूसरा उज्जैन दौरा था। दर्शन के बाद उन्होंने मंदिर प्रबंधन की व्यवस्थाओं की खुलकर सराहना की और कहा कि इतनी अधिक भीड़ के बावजूद दर्शन प्रक्रिया बेहद सुगम और शांतिपूर्ण रही। उनके इस दौरे की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं।
पुत्रदा एकादशी पर बाबा महाकाल के दर्शन करने पहुंचीं नुसरत भरूचा
पुत्रदा एकादशी हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है। इस दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा का अलग ही फल माना जाता है। इसी धार्मिक आस्था के चलते नुसरत भरूचा ने इस दिन उज्जैन पहुंचकर बाबा महाकाल के दर्शन किए। मंदिर सूत्रों के अनुसार, अभिनेत्री तड़के ब्रह्म मुहूर्त में मंदिर पहुंचीं और निर्धारित नियमों के अनुसार भस्म आरती में शामिल हुईं। नुसरत को नंदी हॉल में बैठकर भस्म आरती का दर्शन कराया गया। इस दौरान उन्होंने ध्यान और श्रद्धा के साथ भगवान शिव की आराधना की। आरती के समय उनका शांत और भावुक भाव भक्तों के बीच चर्चा का विषय बना रहा। कई श्रद्धालुओं ने उन्हें देखकर कहा कि नुसरत की भक्ति पूरी तरह सच्ची और आत्मिक नजर आ रही थी।
प्रसाद में मिला महाकाल अंकित दुपट्टा
दर्शन और पूजा-अर्चना के बाद मंदिर के पुजारियों ने नुसरत भरूचा को प्रसाद स्वरूप महाकाल अंकित दुपट्टा भेंट किया। यह दुपट्टा महाकालेश्वर मंदिर की विशेष पहचान माना जाता है। इसे पाकर नुसरत बेहद प्रसन्न नजर आईं। उन्होंने श्रद्धा के साथ दुपट्टे को स्वीकार किया और मंदिर प्रशासन का आभार व्यक्त किया। नुसरत ने कहा कि यह दुपट्टा उनके लिए सिर्फ प्रसाद नहीं, बल्कि बाबा महाकाल का आशीर्वाद है, जिसे वे हमेशा अपने पास रखेंगी। उनके इस भावुक बयान ने उनके प्रशंसकों को भी प्रभावित किया और सोशल मीडिया पर लोग उनकी भक्ति की सराहना करते नजर आए।
मंदिर व्यवस्था की नुसरत भरूचा ने की खुलकर तारीफ
दर्शन के बाद नुसरत भरूचा ने मीडिया से बातचीत में महाकाल मंदिर की व्यवस्थाओं की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि इतनी भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने के बावजूद दर्शन व्यवस्था बहुत ही सुचारू है। खास तौर पर उन्होंने जल पात्र व्यवस्था की प्रशंसा की। नुसरत ने बताया कि पाइप के माध्यम से सीधे ज्योतिर्लिंग पर जल चढ़ाने की व्यवस्था बेहद अच्छी है। इससे श्रद्धालुओं को लंबी कतारों में लगने की जरूरत नहीं पड़ती और सभी को समान रूप से जल अर्पित करने का अवसर मिलता है। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था श्रद्धालुओं के लिए बहुत राहत देने वाली है।
भस्म आरती का धार्मिक और पौराणिक महत्व
महाकालेश्वर मंदिर में होने वाली भस्म आरती का पौराणिक महत्व अत्यंत विशेष है। मान्यता है कि इस आरती में श्मशान से लाई गई चिता की भस्म से भगवान शिव का श्रृंगार किया जाता है। इसके साथ ही गोहरी, पीपल, पलाश, शमी और बेल वृक्ष की लकड़ियों की राख भी भस्म में मिलाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भस्म आरती के समय भगवान शिव निराकार स्वरूप में होते हैं। इसी कारण परंपरागत रूप से महिलाएं सिर पर ओढ़नी या घूंघट डालकर आरती में शामिल होती हैं। यह परंपरा आज भी पूरी श्रद्धा के साथ निभाई जाती है।
वायरल हुईं नुसरत की महाकाल यात्रा की तस्वीरें
नुसरत भरूचा की भस्म आरती में शामिल होने की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। फैंस उनके इस आध्यात्मिक रूप की जमकर तारीफ कर रहे हैं। कई लोगों ने कमेंट में लिखा कि सच्ची श्रद्धा इंसान को और भी सुंदर बना देती है। उनकी तस्वीरों में नुसरत बेहद सादगी भरे रूप में नजर आ रही हैं। यह सादगी और भक्ति का मेल ही शायद लोगों को सबसे ज्यादा पसंद आ रहा है।





