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Thu, Dec 18, 2025

UP के गांव में ट्रेन जैसी डिज़ाइन वाला सामुदायिक शौचालय, ‘स्वच्छता एक्सप्रेस’ बना आकर्षण

Written by:Priya Kumari
Published:
पिछुती गांव की प्रधान एकता मिश्र ने ग्रामीणों के लिए भारतीय रेल के कोच के आकार में सामुदायिक शौचालय का निर्माण किया है। यह अनोखा शौचालय न केवल सुविधा का केंद्र है, बल्कि जिले का आकर्षण भी बन गया है।
UP के गांव में ट्रेन जैसी डिज़ाइन वाला सामुदायिक शौचालय, ‘स्वच्छता एक्सप्रेस’ बना आकर्षण

अमेठी जिले के जगदीशपुर क्षेत्र का पिछुती गांव इन दिनों एक अनूठी पहल के कारण चर्चा में है। यहां की ग्राम प्रधान एकता मिश्र ने सरकारी योजनाओं में रचनात्मकता का तड़का लगाते हुए गांव के सामुदायिक शौचालय का निर्माण भारतीय रेल के कोच के आकार में किया है। इस अनोखे शौचालय का नाम ‘स्वच्छता एक्सप्रेस’ रखा गया है, जो अब गांव ही नहीं, बल्कि जिले के लिए भी एक बड़ा आकर्षण बन चुका है।

पिछुती गांव में बनाए गए इस शौचालय की बाहरी बनावट हूबहू एक रेलगाड़ी की बोगी जैसी है। इसे भारतीय रेल की रंग-रोगन से सजाया गया है और इस पर आकर्षक नाम ‘स्वच्छता एक्सप्रेस’ अंकित है। यहां की सुविधाएं भी विशेष हैं, जिसमें महिला और पुरुष के लिए अलग-अलग कक्ष बनाए गए हैं, जो स्वच्छता और निजता को सुनिश्चित करते हैं। इसके अलावा, सभी कक्षों में हैंड वॉश यूनिट और स्नान गृह की व्यवस्था भी की गई है।

इस आकर्षक और सुसज्जित शौचालय को देखने के लिए ग्रामीणों के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों से भी लोग आ रहे हैं। लोग यहां सेल्फी ले रहे हैं और स्थानीय लोगों ने ग्राम प्रधान की इस रचनात्मकता की जमकर तारीफ की है।

एकता मिश्र की सामाजिक पहलों की चर्चा

पिछुती गांव की प्रधान एकता मिश्र का यह पहला सराहनीय कार्य नहीं है। इससे पहले भी वह अपने सामाजिक कार्यों और नवाचारी सोच के लिए चर्चा में रही हैं। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान को उन्होंने अपने गांव में एक जन-आंदोलन का रूप दिया है। उनके प्रयासों से पिछुती गांव में बेटी पैदा होने पर उत्सव मनाया जाता है। एकता मिश्र स्वयं बेटी के जन्म पर माँ को उपहार देती हैं और इस पहल के लिए उन्हें राज्यपाल द्वारा सम्मानित भी किया गया है।

गांव के विकास की दिशा में निरंतर प्रयास

एकता मिश्र ने बताया कि उनके गांव को अन्य विकास पैरामीटर पर भी संतृप्त किया जा चुका है। उन्होंने कहा, “हमारा निरंतर प्रयास है कि गांव का अधिक से अधिक विकास हो सके। जब गांव का नाम जिले और प्रदेश में होता है, तो इससे बढ़कर संतोष और क्या हो सकता है।” स्वच्छता एक्सप्रेस जैसी पहल दर्शाती है कि सरकारी योजनाओं को रचनात्मकता के साथ क्रियान्वित करके उन्हें सफल और लोकप्रिय बनाया जा सकता है। यह न केवल स्वच्छता मिशन को गति देगा, बल्कि लोगों को खुले में शौच न करने के लिए भी प्रेरित करेगा।