उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण का मतदान शांतिपूर्ण और उत्साहपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, इस चरण में कुल 70 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जो कि राज्य के लोकतांत्रिक चेतना का प्रमाण है। खास बात यह रही कि इस बार महिलाओं की भागीदारी पुरुषों से अधिक रही, जिससे पंचायत स्तर पर महिलाओं की राजनीतिक हिस्सेदारी को बल मिलता नजर आया। चुनाव सुबह 8 बजे से शुरू हुआ और शाम 5 बजे तक चला। प्रदेश के 40 विकासखंडों में स्थित 4,709 मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी कतारें देखी गईं। हालांकि कई पर्वतीय क्षेत्रों में मौसम ने मुश्किलें खड़ी कीं, फिर भी लोग घरों से निकलकर मतदान केंद्रों तक पहुंचे।
21 लाख से अधिक मतदाता
दूसरे चरण में कुल 21,57,199 मतदाता पंजीकृत थे, जिनमें लाखों महिलाओं, युवाओं और बुजुर्गों ने बढ़-चढ़कर मतदान किया। इस चरण में 14,751 प्रत्याशी मैदान में थे, जिनकी किस्मत अब 31 जुलाई को होने वाली मतगणना में तय होगी। राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने मीडिया को जानकारी दी कि “चुनाव पूरी तरह शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ है। पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश की चुनौती थी, लेकिन मतदाताओं का जोश देखते ही बनता था। कहीं से भी किसी प्रकार की हिंसा या गड़बड़ी की सूचना नहीं आई है।”
अल्मोड़ा में मतदान कम
जिलावार आंकड़ों की बात करें तो ऊधमसिंह नगर ने 84.26% के साथ सबसे अधिक मतदान दर्ज किया, जबकि अल्मोड़ा में मतदान प्रतिशत सबसे कम 58.20% रहा। देहरादून, जो राज्य की राजधानी है, वहां भी 77.25% मतदान दर्ज किया गया, जो कि एक उल्लेखनीय आंकड़ा है।
मतदान प्रतिशत
उत्तरकाशी: 75.96%
पौड़ी गढ़वाल: 69.27%
टिहरी: 60.05%
चमोली: 66.47%
चंपावत: 70.21%
नैनीताल: 76.07%
पिथौरागढ़: 64.90%
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि राज्य के लगभग सभी क्षेत्रों में मतदान को लेकर लोगों में जागरूकता और सहभागिता देखने को मिली।
31 जुलाई को होगा मतगणना
दूसरे चरण का मतदान समाप्त होने के साथ ही अब नजरें 31 जुलाई की मतगणना पर टिक गई हैं। मतगणना सुबह 8 बजे से शुरू होगी और इसी दिन यह साफ हो जाएगा कि पंचायत स्तर की सरकारों में किन चेहरों को जनता ने चुना है। चुनाव आयोग और जिला प्रशासन ने मतगणना के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। मतदान के दौरान किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न होने देना और निष्पक्ष परिणाम सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिकता में है। इससे पहले चुनाव को लेकर काफी सुरक्षा व्यवस्था रही। पंचायत चुनाव के साथ अधिकारी भ्रमण कर के स्थिति पर जायजा रख रहे थे। मतदान संपन्न होने के बाद ईवीएम को बजृग्रह में सुरक्षित रख दिया है. अब 31 जुलाई को ईवीएम खुलेगा तो पता चलेगा कि किसको विजय श्री का आशीर्वाद मिलता है।





