उत्तराखंड सरकार अब पहाड़ों में भी नियोजित ढंग से नए शहर बसाने की दिशा में कदम बढ़ा चुकी है। इस प्रयास का उद्देश्य न केवल पर्वतीय क्षेत्रों में हो रहे निरंतर पलायन को रोकना है, बल्कि स्थानीय स्तर पर आर्थिक गतिविधियों को भी प्रोत्साहित करना है। इस सिलसिले में पहला नया शहर पौड़ी जिले के अंतर्गत बिल्वकेदार (श्रीनगर) में बसाया जाएगा। इसके लिए कंसल्टेंट चयन की प्रक्रिया इसी माह पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।
बिल्वकेदार में नए शहर की स्थापना की तैयारी
आवास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने स्पष्ट किया है कि उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण (UUDA) को निर्देशित किया गया है कि वह बिल्वकेदार में बसाए जाने वाले नए शहर के लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी करे। इसके साथ ही नए शहर की महायोजना (Master Plan) और मॉडल तैयार किया जाएगा, ताकि कार्य आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने बताया कि यह परियोजना पूरी तरह नियोजित होगी और इसमें आवास, यातायात, व्यवसाय, शिक्षा, स्वास्थ्य समेत तमाम बुनियादी सुविधाएं शामिल होंगी।
पलायन की समस्या को थामेगी यह योजना
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों से निरंतर हो रहे पलायन को राज्य की एक गंभीर चुनौती माना जाता है। गांव खाली हो रहे हैं और युवाओं को रोजगार के लिए मैदानों की ओर रुख करना पड़ रहा है। सरकार का मानना है कि यदि पहाड़ों में ही आधारभूत ढांचे के साथ नए शहरों का विकास किया जाए तो स्थानीय लोगों को रोजगार, शिक्षा और बेहतर जीवन स्तर मिलेगा, जिससे पलायन रोका जा सकेगा। मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि “नई टिहरी” के बाद राज्य में कोई नियोजित शहर नहीं बना, और अब समय आ गया है कि इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं।
कुमाऊं में भी होगी योजना की शुरुआत
केवल गढ़वाल ही नहीं, बल्कि कुमाऊं मंडल के पर्वतीय क्षेत्रों में भी नए शहरों की स्थापना की योजना तैयार की जा रही है। इसके लिए भूमि चयन की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने के आदेश दे दिए गए हैं। इस कदम से राज्य के संतुलित क्षेत्रीय विकास को गति मिलेगी और पर्वतीय क्षेत्रों में भी शहरी सुविधा मिल सकेगी।
सजग नागरिक बनाएं सुशासन को प्रभावी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस योजना का समर्थन करते हुए कहा है कि सुशासन को प्रभावी बनाने के लिए नागरिकों की भागीदारी जरूरी है। उन्होंने विकासखंड यमकेश्वर के निवासियों से वर्चुअल संवाद करते हुए कहा कि सरकार जनकल्याणकारी योजनाओं को आमजन तक समय पर पहुंचाने को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने सीएम डैशबोर्ड, सीएम हेल्पलाइन, और त्वरित समाधान दल जैसे कार्यक्रमों का जिक्र करते हुए कहा कि ये सभी योजनाएं लोगों की समस्याओं को तुरंत हल करने में कारगर साबित हो रही हैं। पौड़ी जिले में लागू किए गए त्वरित समाधान दल की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि यह मॉडल अन्य जिलों के लिए भी प्रेरणा बनेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से “रिफॉर्म, ट्रांसफॉर्म और परफॉर्म” के मंत्र के साथ आगे बढ़ रही है। भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में उत्तराखंड भी तेजी से अपने कदम बढ़ा रहा है।
जन संवाद और विश्वास निर्माण पर जोर
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों से भी संवाद किया और उनकी समस्याओं को सुना। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार आम लोगों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए निर्णय ले रही है और जनहित के कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है। मुख्यमंत्री का कहना था कि केवल योजना बनाना ही नहीं, बल्कि उन्हें जमीन पर उतारना ही असली सुशासन है।





