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Fri, Dec 19, 2025

सीधी में आदिवासी छात्राओं से रेप के मामले पर कमलनाथ ने सरकार को घेरा, आदिवासी बच्चियों के लिए विशेष टास्क फोर्स के गठन की माँग

Written by:Shruty Kushwaha
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पूर्व मुख्यमंत्री ने सीएम मोहन यादव से माँग की है कि पीड़ित छात्राओं को आर्थिक सहायता दी जाए और घटना की उच्च स्तरीय जाँच हो। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज की बच्चियां समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए विशेष प्रयासों की ज़रूरत है।
सीधी में आदिवासी छात्राओं से रेप के मामले पर कमलनाथ ने सरकार को घेरा, आदिवासी बच्चियों के लिए विशेष टास्क फोर्स के गठन की माँग

Kamal Nath

Kamal Nath questioned the government on Sidhi rape case : सीधी ज़िले में सात आदिवासी छात्राओं से बलात्कार का मामला सामने आने के बाद कांग्रेस प्रदेश सरकार पर हमलावर है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि मध्य प्रदेश महिला उत्पीड़न के मामले में देश में नंबर वन है और बीजेपी सरकार इसके लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। उन्होंने पीड़ित छात्राओं को आर्थिक सहायता देने और मामले की उच्च स्तरीय जाँच की माँग की है। इसी के साथ उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव से ये माँग भी की है कि प्रदेश में आदिवासी बच्चियों की सुरक्षा के लिए विशेष टास्क फ़ोर्स का गठन किया जाए।

कमलनाथ ने सरकार पर साधा निशाना

कमलनाथ ने एक्स पर इस घटनी की निंदा करते हुए लिखा है कि ‘सीधी ज़िले में स्कॉलरशिप का झाँसा देकर सात आदिवासी छात्राओं से बलात्कार का समाचार अत्यंत व्यथित करने वाला है। पुलिस का कहना है कि और भी लड़कियाँ इसका शिकार हो सकती हैं अर्थात बलात्कार पीड़ित आदिवासी लड़कियों की संख्या 7 से अधिक भी हो सकती है। देश अब तक भूला नहीं है कि इसी सीधी ज़िले में एक आदिवासी युवक के सिर पर भाजपा के नेता ने पेशाब की थी। क्या मध्य प्रदेश में आदिवासी समुदाय की लड़कियाँ निर्भय होकर कॉलेज में पढ़ाई भी नहीं कर सकतीं? ऐसे हालात में “बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ” के नारे का क्या अर्थ रह जाता है ?’

सीएम मोहन यादव से की ये माँग 

उन्होंने कहा कि ‘मध्य प्रदेश पहले ही आदिवासी अत्याचार और महिलाओं पर अत्याचार में नंबर वन है। कोई दिन ऐसा नहीं जाता जब मध्य प्रदेश में आदिवासियों पर अत्याचार का समाचार सामने न आता हो। मैं मुख्यमंत्री से अनुरोध करता हूँ कि सभी पीड़ित छात्राओं को समुचित आर्थिक सहायता दी जाए। इस मामले की उच्च स्तरीय जाँच की जाए। बेटियों से अत्याचार में शामिल किसी भी व्यक्ति को नहीं बख़्शा जाए ? मुख्यमंत्री प्रदेश में आदिवासी बच्चियों की सुरक्षा के लिए विशेष टास्क फ़ोर्स का गठन करें ताकि आदिवासी समाज की बच्चियां समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें और अपने भविष्य का निर्माण कर सकें’।