मध्यप्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण में लगभग चालीस लाख वोट काटे गए हैं। निर्वाचन आयोग द्वारा जारी प्रारंभिक आंकड़ों के बाद अब कांग्रेस ने एक बार फिर वोट चोरी का मुद्दा उठाया है। प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा है कि राहुल गांधी का ये आरोप, कि मध्यप्रदेश का चुनाव चोरी से जीता गया..वो इन आंकड़ों से सही साबित होता है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी-कांग्रेस में लगभग तीस लाख का अंतर था और अगर चालीस लाख नाम कटे है तो साफ है कि तीस लाख नामों का दुरुपयोग हुआ है। कांग्रेस नेता ने कहा कि चुनाव आयोग अगर इन सीटों पर जांच करे तो बीजेपी की चोरी पकड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि एसआईआर से बीजेपी का असली चेहरा जनता के सामने उजागर हो गया है।
मतदाता सूची से कटेंगे चालीस लाख से अधिक नाम
मध्यप्रदेश में चुनाव आयोग के SIR अभियान के तहत मतदाता सूची से करीब 40 लाख नाम हटाए जा सकते हैं। निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में अक्टूबर तक कुल 5.74 करोड़ मतदाता थे। पहले चरण के सत्यापन में 8.40 लाख मृतक, 22.50 लाख स्थानांतरित, 2.50 लाख डुप्लीकेट और 8.40 लाख अनुपस्थित मतदाता पाए गए। ड्राफ्ट मतदाता सूची 23 दिसंबर को प्रकाशित होगी, जिसके बाद जनवरी तक दावे-आपत्तियां दर्ज की जा सकेंगी।
कांग्रेस ने बीजेपी पर फिर लगाया वोट चोरी का आरोप
इतनी बड़ी तादाद में नाम कटने के बाद इस मुद्दे पर सियासी हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस ने एक बार फिर से बीजेपी पर ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाया है। जीतू पटवारी ने कहा कि ये आंकड़े साबित करते हैं कि वोट चोरी से ही एमपी में बीजेपी की सरकार बनाई गई थी। उन्होंने कहा कि ‘मध्यप्रदेश का चुनाव चोरी से जीता गया है। मध्यप्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस के बीच वोटों का अंतर तीस लाख के आसपास था। अगर चालीस लाख नाम कटे हैं तो तीस लाख नामों का दुरुपयोग हुआ है। बीजेपी जहां पचास हजार से ज्यादा वोटों से जीती है..वहां अब पचास हजार से एक लाख तक नाम काटे गए हैं। अगर चुनाव आयोग इन स्थानों पर रिसर्च करे तो बीजेपी की चोरी पकड़ी जाएगी। हम ये रिसर्च कर रहे हैं।’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि एसआईआर से बीजेपी का असली चेहरा उजागर हो गया है और आने वाले समय में ये कांग्रेस की जीत के लिए मील का पत्थर साबित होगा।





