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Sat, Dec 20, 2025

शिवराज सरकार में हुए घोटालों में एफआईआर की तैयारी

Written by:Mp Breaking News
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शिवराज सरकार में हुए घोटालों में एफआईआर की तैयारी

भोपाल। प्रदेश में आयकर छापों के बाद राज्य सरकार भी घोटालेबाजों पर कार्रवाई की तैयारी में है। जल्द ही शिवराज सरकार के कार्यकाल में हजारों करोड़ रुपए के घोटालों में एफआईआर हो सकती है। जिसमें ई-टेंडरिंग घोटाले की जांच कर रही राज्य की आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू)ने शिकायत की जांच के बाद केस दर्ज करने की तैयारी कर ली है। अगले कुछ दिनों के भीतर घोटाले में लिप्त अफसरों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। साथ ही जन अभियान परिषद द्वारा नर्मदा सेवा यात्रा पर करोड़ों के खर्च के मामले में भी केस दर्ज हो सकता है। 

आयकर कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया जा रहा है। ऐसे में मुख्यमंत्री कमलनाथ पर पार्टी हाईकमान समेत सरकार के मंत्रियों का  दबाव है कि पिछली सरकार के घोटाले की जांच में केस दर्ज किया जाए। साथ ही आरोपियों के नामों का खुलासा किया जाए। हालांकि मंत्रालय से जुड़े सूत्र बताते हैं कि शिवराज सरकार के समय हुए घोटालों की जांच जन आयोग को सौंपी जानी थी, लेकिन अब कुछ घोटालों में जल्द एफआईआर हो सकती है। जिनमें ई-टेंडरिंग प्रमुख मामला है। साथ ही व्यापमं की भर्ती परीक्षाओं से जुड़े ऐसे मामले जिनकी जांच सीबीआई ने नहीं की, उनकी भी जांच शुरू की जाएगी। 

माखनलाल की रिपोर्ट तैयार

कमलनाथ सरकार ने आते ही सबसे पहले माखन चतुर्वेदी पत्रकारिता विवि में भाजपा शासनकाल में हुए घोटालों की जांच समिति के माध्यम से कराई थी। जिसकी जांच रिपोर्ट आ चुकी है। रिपोर्ट में भर्ती से लेकर सेंटर खोलने, खरीदी, नई बिल्डिंग के निर्माण में घोटाले के तथ्य मिले हैं। सूत्रों ने बताया कि सरकार जल्द ही इस मामले में एफआईआर करा सकती है। जिसमें भाजपा एवं संघ से जुड़े लोग शामिल हैं। 

ये हैं बड़े घोटाले 

शिवराज सरकार के आखिरी समय में ई-टेंडरिंग घोटाला सामने आया था। विस चुनाव के दौरान सरकार ने इसे दबाने का प्रयास किया, नई सरकार ने भी अभी तक जांच के नाम पर खानापूर्ति की है। इसी तरह लघुु उद्योग निगम की खरीदी में घोटाला। एनेक्सी निर्माण की भी सरकार जांच करा सकती है। जीएडी मंत्री डॉ गोविंद एनेक्सी निर्माण में करोड़ों के घोटाले का आरोप लगा चुके हैं। सरकार माध्यम एवं जनसंपर्क विभाग के भ्रष्टाचार की भी जांच करा सकती है। किसानों को विदेश भ्रमण, उद्योनिकी, सहकारी समितियों के भ्रष्टाचार की जांच लंबित है।