मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि राज्य सरकार पुरानी पेंशन योजना को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इस फैसले के पीछे कर्मचारियों को सम्मानजनक सेवानिवृत्ति जीवन देने का उद्देश्य है, न कि राजनीतिक लाभ। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा नई पेंशन योजना को लागू करने के दबाव को नकारते हुए कहा कि प्रदेश अपने फैसले से पीछे नहीं हटेगा। जॉब ट्रेनी पॉलिसी पर विपक्ष की आलोचना को लेकर उन्होंने स्पष्ट किया कि दो साल की सेवा के बाद प्रशिक्षुओं को नियमित किया जाएगा।
शिमला में आयोजित एक समारोह में मुख्यमंत्री ने 312 नव नियुक्त ड्राइंग शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपे और शिक्षा के क्षेत्र में राज्य की प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश, जो कभी शिक्षा गुणवत्ता में राष्ट्रीय स्तर पर 21वें स्थान पर था, अब पांचवें स्थान पर पहुंच चुका है। मुख्यमंत्री ने ‘विद्या समीक्षा केंद्र’, ‘एडस्क एक्सप्रेस’, स्मार्ट अटेंडेंस सिस्टम सहित कई नई शैक्षणिक पहलों का शुभारंभ किया। अब स्कूलों में शिक्षक व विद्यार्थियों की हाजरी ऑनलाइन दर्ज होगी और उसकी निगरानी भी डिजिटल रूप से की जाएगी।
रोबोटिक सर्जनों को एक करोड़ रुपये का पैकेज
स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले छह महीनों में चमियाना स्थित अटल सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल को एम्स स्तर की सुविधाओं से लैस किया जाएगा। प्रदेश में रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत की जाएगी और रोबोटिक सर्जनों को एक करोड़ रुपये तक का पैकेज दिया जाएगा। इसके अलावा, पुराने सीटी स्कैन, एमआरआई और अल्ट्रासाउंड मशीनों को आधुनिक उपकरणों से बदला जाएगा ताकि मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।
हिमाचल शिक्षा के क्षेत्र में कई नई ऊंचाइयों को छू रहा
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्रदेश के हक की लड़ाई मजबूती से लड़ रही है, खासकर जल संसाधनों के अधिकारों को लेकर। सुप्रीम कोर्ट में वाइल्ड फ्लावर हॉल और जेएसडब्ल्यू से जुड़े मामलों में प्रदेश सरकार को सफलता मिली है। कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने मुख्यमंत्री के नेतृत्व की सराहना की और कहा कि उनकी दूरदृष्टि और सुधारात्मक कदमों से हिमाचल शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है।





