माचा यानी पिसी हुई ग्रीन टी पत्तियों से बना पाउडर, जिसे पानी या दूध में मिलाकर एक खास तरीके से तैयार किया जाता है। इसका स्वाद थोड़ा घास जैसा और कड़वापन लिए होता है, लेकिन सही मात्रा में चीनी और टेक्सचर के साथ ये बेहद फ्रेशिंग लगता है। यही वजह है कि माचा आज न सिर्फ जापान बल्कि दिल्ली, न्यूयॉर्क, लंदन और दुबई जैसे शहरों के कैफे में ट्रेंडिंग ड्रिंक बन चुका है। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है जब सोशल मीडिया से किसी ड्रिंक ने पहचान पाई हो इससे पहले भी ऐसी कई ड्रिंक फेमस हो चुकी है।
दरअसल इस क्रेज के पीछे सोशल मीडिया का बहुत बड़ा हाथ है। लाखों फॉलोअर्स वाले इंफ्लुएंसर्स अपने वीडियो में माचा को हेल्दी और ‘कूल’ बताते हैं। यूट्यूबर एंडी एला जैसे लोग माचा ब्रांड खुद लॉन्च कर चुके हैं। लोग इसे वर्कआउट से पहले, स्ट्रेस कम करने या सिर्फ इंस्टा-फ्रेंडली स्टोरीज के लिए पीना पसंद कर रहे हैं। लेकिन इसके पीछे की कहानी सिर्फ फैंसी नहीं, बल्कि जापान के लिए चिंता वाली भी है।
माचा की डिमांड बढ़ी तो जापान की चाय खेती क्यों सूखने लगी?
वहीं जापान माचा का सबसे बड़ा प्रोड्यूसर और एक्सपोर्टर है। लेकिन जिस रफ्तार से इसकी इंटरनेशनल डिमांड बढ़ी है, उससे सप्लाई में भारी दिक्कत आने लगी है। 20 साल पहले जापान में जितने चाय बागान थे, अब उनकी संख्या चौथाई रह गई है। खेती करने वाले किसान बूढ़े हो रहे हैं और नई पीढ़ी इस पेशे से दूरी बना रही है। जापानी सरकार चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा माचा की खेती हो, लेकिन इसके लिए ट्रेनिंग, सही तकनीक और धैर्य की जरूरत होती है। खासकर हाई-क्वालिटी माचा बनाने के लिए पत्तियों की देखभाल से लेकर पीसने तक एक लंबा प्रोसेस होता है। कैफे मालिक जैच मैंगन बताते हैं कि उनके पास 25 माचा ड्रिंक्स थे, लेकिन स्टॉक खत्म होने के कारण 20 ड्रिंक्स बंद करनी पड़ीं।
क्या Matcha सिर्फ ट्रेंड है या असली हेल्थ ड्रिंक?
दरअसल माचा को लेकर यह भी सवाल उठता है कि क्या यह सिर्फ दिखावे की ड्रिंक है या वाकई फायदेमंद? हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि माचा में कैटेचिन्स और एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा सामान्य ग्रीन टी से ज्यादा होती है। यह मेटाबॉलिज्म बढ़ाने, स्ट्रेस कम करने और शरीर को डिटॉक्स करने में मददगार है। हालांकि इसका स्वाद सबको पसंद आए, ऐसा जरूरी नहीं। शुरुआत में कुछ लोगों को इसका टेस्ट अजीब लग सकता है, लेकिन एक बार आदत लगने के बाद यह काफी सुकूनदायक लगता है। यही वजह है कि भारत जैसे देशों में भी अब माचा टी और माचा लट्टे तेजी से कैफे मेन्यू का हिस्सा बन रहे हैं।





