Wed, Dec 31, 2025

लापरवाही पर कमिश्नर का बड़ा एक्शन, 191 कर्मचारियों-अधिकारियों का वेतन काटा

Written by:Pooja Khodani
Published:
लापरवाही पर कमिश्नर का बड़ा एक्शन, 191 कर्मचारियों-अधिकारियों का वेतन काटा

demo pic

मुंबगई, डेस्क रिपोर्ट। मुंबई में काम में लापरवाही बरतने पर महानगरपालिका कमिश्नर (Municipal Commissioner) द्वारा कर्मचारियों अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई की गई है। नवी मुंबई नगर निगम (NMMC) के कमिश्नर ने 191 कर्मचारियों और अधिकारियों की 1 से 3 दिन तक सैलरी काटने का आदेश दिया है।  यह कार्रवाई काम पर देरी से आने पर की गई है। वही तीन कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू की गई है।

यह भी पढ़े.. मध्य प्रदेश में फिर बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम, रीवा में सबसे महंगा, जानें जिलेवार रेट

मिली जानकारी के अनुसार, देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से सटे नवी मुंबई महानगर पालिका (Navi Mumbai Municipal Corporation -NMMC) ने कर्मचारियों-अधिकारियों समेत कुल 191 कर्मचारियों की सैलरी में कटौती की है। यह जानकारी एनएमएमसी आयुक्त अभिजीत भांगर द्वारा प्रेस रिलीज जारी कर दी गई है।इसके तहत कर्मचारियों अधिकारियों की 1 दिन से लेकर 3 दिन तक की सैलरी काटने के आदेश दिए गए हैं।कमिश्नर के इस फैसले से कर्मचारियों और अधिकारियों में खलबली मच गई है।

इन 191 कर्मचारियों अधिकारियों में 165 कर्मचारियों का 1 दिन का वेतन काटने, 22 कर्मचारियों का 2 दिन का वेतन काटने और 4 कर्मचारियों का 3 दिन का वेतन काटने का आदेश महानगरपालिका कमिश्नर ने दिया है।वही इन 4 कर्मचारियों का महानगरपालिका कमिश्नर ने तबादला भी कर दिया है। इसके अलावा आयुक्त ने बताया है कि औचक निरीक्षण और कई बार चेतावनी देने के बावजूद काम पर देरी से आने वाले कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जांच (departmental enquiry) भी शुरू कर दी गई है।

यह भी पढ़े.. CM का बड़ा ऐलान-NPS वाले कर्मचारियों के वेतन से कटौती बंद, 1 अप्रैल से इतनी बढ़कर आएगी सैलरी

दरअसल, नगर निगम के कर्मचारियों (Employees Salary) के लिए सप्ताह में 7 दिन में से केवल 5 कार्य दिवस होते हैं।यह नियम 26 फरवरी 2020 से लागू किया गया है। इसमें सोमवार से शुक्रवार महानगर पालिका के अधिकारियों और कर्मचारियों को सुबह 9.45 बजे से शाम 6.16 बजे तक काम करना होता है, जबकि चपरासी वर्ग के कर्मचारियों को सुबह 9.30 बजे से शाम 6.30 बजे तक काम करना होता है। बावजूद इसके कर्मचारियों अधिकारियों द्वारा इसका पालन नहीं किया गया, जबकी कई बार कमिश्नर खुद औचक निरिक्षण कर चुके है, लेकिन उसके बाद भी सुधार ना होने पर यह कार्रवाई की गई है।